इस विषय पर बात करते हुए नीरज चोपड़ा ने कहा कि पदक समारोह में उनका पूरा ध्यान सिर्फ राष्ट्रीय गान पर था और राष्ट्रगान की धुन ने मुझे भावुक कर दिया था.
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नई दिल्ली: 18वें एशियाई खेलों की जेवलिन थ्रो में गोल्ड मेडल जीतने वाले नीरज चोपड़ा के मेडल सेरेमनी में एक तरफ चीन का खिलाड़ी था तो दूसरी तरफ पाकिस्तान का लेकिन इस भारतीय खिलाड़ी ने कहा कि वह राष्ट्रगान की धुन में इतना खो गए थे कि इस ओर उनका ध्यान ही नहीं गया. चोपड़ा ने जकार्ता में हुए इन खेलों में 88.06 मीटर दूर भाला फेंक कर राष्ट्रीय रिकार्ड भी बनाया. इसमें चीन के लियू किझेन (82.22) को रजत और पाकिस्तान के अरशद नदीम (80.75) को ब्रॉन्ज मेडल मिला था.
तीनों देशों के बीच अक्सर अस्थिर राजनयिक स्थिति के कारण इस मेडल सेरेमनी ने खूब चर्चा बटोरी थी. बता दें कि एशियन गेम्स 2018 के गोल्ड मेडल विजेता नीरज चोपड़ा का पाकिस्तानी खिलाड़ी नदीम के साथ हाथ मिलाने वाला फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ जिस पर टेनिस खिलाड़ी सानिया मिर्जा ने भी ट्वीट करते हुए लिखा कि यह दिखाता है कि ''खेल के जरिये आप अपने बच्चे को सर्वश्रेष्ठ शिक्षा दे सकते हैं.''
Why I always say SPORT is the best ‘education’you can provide your child with! Teaches you sportsmanship,equality ,respect and most importantly humanity! If only some people can learn this from our champion athletes too!! Well done to @Neeraj_chopra1 on the for https://t.co/YhyaRfbI9u
— Sania Mirza (@MirzaSania) August 28, 2018
इस विषय पर बात करते हुए नीरज चोपड़ा ने कहा कि पदक समारोह में उनका पूरा ध्यान सिर्फ राष्ट्रीय गान पर था. चेक गणराज्य में प्रशिक्षण ले रहे नीरज चोपड़ा ने कहा, ''मुझे पता नहीं चला कि मैं उनके साथ खड़ा हूं. राष्ट्रगान के साथ तिरंगे को ऊपर जाता देख मैं काफी भावुक हो गया था और इस स्तर पर पहुंचने के लिए की गई अपनी मेहनत और संघर्ष को याद कर रहा था.''
कॉमनवेल्थ खेलों में गोल्ड मेडल हासिल करने वाले नीरज चोपड़ा एशियाई खेलों की भाला फेंक स्पर्धा में गोल्ड हासिल करने वाला देश के पहले खिलाड़ी हैं. उन्होंने कहा कि खेलों के जरिये नफरत फैलाने की जगह लोगों को करीब लाना चाहिए चाहिए.
बता दें कि पाकिस्तानी खिलाड़ी नदीम में बाद में दावा किया कि चोपड़ा उनके व्हॉटसएप मैसेज का जवाब नहीं देते हैं. इस बारे में जब उन से पूछा गया तो उन्होंने कहा, ''मुझे उसके द्वारा आमने-सामने मिलने की कोशिश के बारे में नहीं पता. अगर किसी ने मेरे पीठ पीछे कुछ कहा हो या पूछने की कोशिश की हो तो मुझे नहीं पता. अगर उसने मेरे फोन पर कोई मैसेज भेजा है तो मुझे नहीं पता. मैं बहुत ज्यादा मैसेज नहीं देखता.''
नीरज चोपड़ा से जब पूछा गया कि जकार्ता में 88.06 मीटर की दूरी से वह अपने 90 मीटर के लक्ष्य के करीब पहूंच गए है तो उन्होंने कहा कि उनके लिए गोल्ड मेडल ज्यादा मायने रखता है जिसमें कॉमनवेल्थ गेम्स का भी सोना शामिल है.
उन्होने ने कहा, ''मैं दोनों में किसी एक को बेहतर नहीं चुन सकता, मेरे लिए दोनों महत्वपूर्ण है और मैं इससे खुश हूं. कॉमनवेल्थ गेम्स में भी मैंने राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया था और यह मेरे जूनियर विश्व रिकॉर्ड से भी ज्यादा था. पहली बार मैंने किसी बहु-खेलों के टूर्नामेंट में गोल्ड जीता था. जकार्ता में 88 मीटर से दूर भाला फेंकने से भी मैं काफी खुश हूं.''