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लास एंजीलिस: विश्व डोपिंग निरोधक एजेंसी (वाडा) ने खुलासा किया है कि इस साल रूसी खिलाड़ियों के डोप टेस्ट करने के सैकड़ों प्रयास नाकाम रहे । वाडा ने यह सनसनीखेज रिपोर्ट रूस की ओलंपिक में भागीदारी पर अहम फैसला आने से कुछ दिन पहले ही जारी की है।
डोप टेस्ट करने वाले अधिकारियों को रूसी सुरक्षाबलों से धमकियां मिली जबकि खिलाड़ी विभिन्न तकनीकों के सहारे डोपिंग टेस्ट से बचते रहे।
अंतरराष्ट्रीय एथलेटिक्स महासंघ दो दिन बाद वियना में होने वाली बैठक में फैसला लेगा कि रूसी एथलीटों को रियो दि जिनेरियो ओलंपिक में भाग लेने की अनुमति देनी है या नहीं।वाडा की इस ताजा रिपोर्ट से हालांकि देश में खेलों में पैठ बना चुके डोपिंग के चलन को खत्म करने के प्रयास करने के रूस के दावों पर फिर सवाल उठने लगे हैं।
वाडा की रिपोर्ट में कहा गया है कि 15 फरवरी से 29 मई तक 736 से अधिक टेस्ट विभिन्न कारणों से रद्द करने पड़े ।अधिकारियों ने कहा कि सैन्य शहरों में डोप टेस्ट करने के उनके प्रयास नाकाम रहे क्योंकि उन्हें देश से बाहर निकालने की धमकियां भी दी गई।
एक अन्य खिलाड़ी रेस के दौरान स्टेडियम से रफूचक्कर हो गया और फिर नहीं मिला । रिपोर्ट में कहा गया कि 27 फरवरी को राष्ट्रीय पैदलचाल चैम्पियनशिप के दौरान 15 खिलाड़ियों ने या तो भाग नहीं लिया, या नाम वापिस ले लिया या अयोग्य करार दिये गए ।
एक अन्य घटना में आइस हाकी विश्व चैम्पियनशिप के दौरान रूस की पूरी अंडर 18 टीम को अंडर 17 टीम से बदल दिया गया जिसकी वजह प्रतिबंधित दवा मेल्डोनियम का इस्तेमाल है ।