Olympian Hari Chand: धावक हरि चंद के निधन से खेल जगत में शोक की लहर दौड़ गई है. वह 69 साल के थे. उन्होंने भारत को एशियन गेम्स में भारत को गोल्ड मेडल दिलाया था.
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Olympian Hari Chand: भारतीय फैंस के लिए दिल तोड़ने वाले खबर आई है. भारत के खेल पुरोधा हरि चंद का सोमवार को 69 वर्ष की आयु में निधन हो गया. हरि चंद की गिनती भारत के महान खिलाड़ियों में होती थी. वह पंजाब के होशियारपुर जिले के घोरेवा गांव के थे.
1978 के बैंकाक एशियाई गेम्स में हरि चंद ने दो स्वर्ण पदक जीते. वह 5,000 मीटर और 10,000 मीटर दोनों स्पर्धाओं में पोडियम के शीर्ष पायदान पर थे. दो बार के ओलंपियन और डबल एशियाई गेम्स के स्वर्ण पदक विजेता हरि चंद बहुत ही शानदार धावक थे. खेल में उनके योगदान के लिए हरि चंद को अर्जुन पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था.
मॉन्ट्रियल में 1976 के ग्रीष्मकालीन ओलंपिक में हरि चंद 10,000 मीटर में 28: 48.72 के समय के साथ आठवें स्थान पर रहे. यह एक राष्ट्रीय रिकॉर्ड था, जो 32 साल तक बना रहा. जब तक कि सुरेंद्र सिंह ने इसे तोड़ नहीं दिया. इसके बाद, उन्होंने 1980 के ओलंपिक मैराथन में भाग लिया, जहां उन्होंने मॉस्को के लेनिन स्टेडियम में 2:22:08 के समय के साथ रेस पूरी की.
पंजाब के होशियारपुर जिले के गोरेवाहा गांव के रहने वाले हरि चंद ने 1970 में नेशनल जूनियर एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में पहली बार 3000 मीटर में जीत दर्ज की थी. अच्छे धावकों के साथ अभ्यास के लिये वह केंद्रीय आरक्षित पुलिस बल में मुख्य कांस्टेबल बन गए. नाटे कद के होते हुए भी अपने दम खम के बूते उन्होंने लंबी दूरी की दौड़ जीती.
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि होशियारपुर का दोहरा स्वर्ण पदक विजेता भारतीय एथलेटिक्स का गौरव था और वह आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत रहेंगे. एएफआई अध्यक्ष आदिले सुमरिवाला ने शोक संदेश में कहा, ‘1980 ओलंपिक में मेरे साथी रहे हरि चंद भारतीय खेलों के लीजेंड थे. मुझे और पूरे खेल जगत को उनके निधन का दुख है. यह खेलों को हुई अपूरणीय क्षति है.’