पीएम मोदी ने कहा, ‘एथलीट्स और इसरो के लिए नाकामी जैसी कोई चीज नहीं’
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पीएम मोदी ने कहा, ‘एथलीट्स और इसरो के लिए नाकामी जैसी कोई चीज नहीं’

Prime Minister Narendra Modi: प्रधानमंत्री ने खिलाड़ियों और इसरो की कड़ी मेहनत की तुलना की है. 

पीएम मोदी ने इसरो की लैंडर विक्रम से संपर्क टूटने के बाद हौसला अफजाई की थी. (फोटो: फाइल)

नई दिल्ली: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (ISRO) के चंद्रमा पर रोवर भेजने की महत्वाकांक्षी योजना के सफलता पूर्वक पूरे होने से ठीक पहले चंद्रयान 2 (Chandryaan 2) का विक्रम लैंडर से संपर्क टूटने के बावजदू देश भर ने भारतीय वैज्ञानिकों का प्रोत्साहन किया है. इसमें सबसे आगे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) रहे जो कि खुद उस समय इसरो में मौजूद थे. पीएम मोदी ने रविवार को खिलाड़ियों और इसरो की कड़ी मेहनत की तुलना की. उन्होंने कहा कि देश के एथलीट्स और स्पेस एजेंसी के लिए नाकामी जैसी कोई चीज नहीं है. 

देश के खेल जगत ने ट्विटर पर इसरो के भारत के चंद्रमा के दूसरे अभियान चंद्रयान दो की तारीफ की थी. पीएम ने महेश भूपति के ट्वीट को रीट्वीट करते हुए कहा कि इसरो और हमारे खिलाड़ियों जैसे चैंपियन्स के लिए नाकामी जैसी कोई चीज नहीं है. यहां केवल सीखना है.” शनिवार को  महेश भूपति ने ट्वीट किया था जिसमें उन्होंने कहा था, “इसरो को बधाई, यह (बाधा) आपको लक्ष्य जल्दी हासिल करने के लिए और भूखा बनाएगी. देश को आप पर गर्व है. जय हिंद.” 

शनिवार सुबह इसरो चंद्रयान 2 का विक्रम लैंडर के साथ चांद के दक्षिणी ध्रुव पर लैंड करने से पहले संपर्क गंवा बैठा था. इसी दो सितंबर को विक्रम लैंडर चंद्रयान दो की कक्षा से सफलता पूर्वक अलग हुआ था. 22 जुलाई को शुरू हुए इस अभियान ने चंद्रयान दो ने पृथ्वी के 23 दिन तक चक्कर लगाए. उसके बाद 14 अगस्त से उसने चंद्रमा की ओर अपना सफर शुरू किया था. लैंडर 'विक्रम' के चांद की सतह को छूने से चंद मिनटों पहले संपर्क टूटने के बाद प्रधानमंत्री  ने शनिवार को वैज्ञानिकों का हौसला बढ़ाते हुए कहा था कि वे मिशन में आई रुकावटों के कारण अपना दिल छोटा न करें, क्योंकि 'नई सुबह होगी और बेहतर कल होगा.

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निराश नहीं है ंवैज्ञानिक
विक्रम लैंडर से संपर्क टूटने के बावजूद इसरो ने बाद में कहा कि मिश्न चंद्रयान-2, 95 फीसदी सफल रहा. ऑर्बिटर के कैमरे से चंद्रमा की तस्वीरें मिलेंगी. 8 आधुनिक उपकरण से ऑर्बिटर चंद्रमा के बारे में, खास तौर पर वहां के खनिजों के बारे में नई जानकारी देगा."

(इनपुट एएनआई से भी)

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