साइ ने तमिलनाडु के अपने एक केंद्र के कोच को बर्खास्त कर दिया जिसे शिविर में हिस्सा लेने वाले जूनियर खिलाड़ियों के यौन शोषण का दोषी पाया गया.
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नई दिल्ली : देशभर से अलग अलग जगहों से आ रही यौन शोषण की शिकायतों पर भारतीय खेल प्राधिकरण (साइ) ने सख्त रवैया अपना लिया है. इस दिशा में एक उदाहरण पेश करते हुए साइ ने हाल ही में तमिलनाडु के अपने एक केंद्र के कोच को बर्खास्त कर दिया जिसे शिविर में हिस्सा लेने वाले जूनियर खिलाड़ियों के यौन शोषण का दोषी पाया गया. बताया जा रहा है कि इस कोच के खिलाफ पहले काफी शिकायतें आ रही थीं.
साइ ने साथ ही एहतियाती कदम उठाने का फैसला भी किया जिसमें ट्रेनिंग केंद्रों में सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हेल्पलाइन शुरू करना भी शामिल है. इस कोच के नाम का खुलासा नहीं किया गया है. माना जा रहा है कि वह तमिलनाडु के एक साइ केंद्र में राज्य स्तर के एथलेटिक्स खिलाड़ियों के शिविर से जुड़ा था और आंतरिक जांच में दोषी पाए जाने के बाद उसे बर्खास्त कर दिया गया है.
साइ की महा निदेशक नीलम कपूर ने कहा, ‘‘हां, यह सही है (कि कोच को बर्खास्त कर दिया गया है). हम साइ में महिला और बच्चों के लिए खेल ट्रेनिंग का सुरक्षित माहौल सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.’’ लगभग 15 जूनियर एथलीटों ने यहां साइ मुख्यालय को शिकायत करते हुए आरोप लगाया कि कोच उनसे अपनी यौन इच्छाओं की पूर्ति की मांग कर रहा था.
बेंगलुरू में साइ केंद्र की एक अन्य घटना पर कार्रवाई करते हुए एक अकाउंटेंट को महिला कोच को भद्दे एसएमएस भेजने के आरोप में अनिवार्य सेवानिवृत्ति लेने को कहा गया है.
हेल्पलाइन भी शुरु होगी खिलाड़ियों के लिए
उन्होंने कहा, ‘‘एहतियाती कदमों में अधिक जागरूकता, हेल्पलाइन और स्टाफ तथा अधिकारियों के आचरण को सही करना शामिल है.’’ कपूर ने कहा कि साइ नियम तोड़ने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने से नहीं हिचकिचाएगा. यह भी पता चला है कि गुजरात के साइ केंद्र की जूनियर खिलाड़ियों ने भी यौन शोषण की शिकायत की है जिसकी जांच चल रही है. भारत के सभी साइ केंद्रों में 10 हजार से अधिक खिलाड़ी ट्रेनिंग करते हैं.
आगे भी होंगी ऐसी कार्रवाहियां
ऐसी मीडिया रिपोर्ट भी आ रही हैं कि साइ अब ऐसे मामलों में और अधिक सख्त कार्रवाही करने का मन बना चुकी है और तमिलनाडु मामले में कुछ और लोगों पर भी कार्रवाही हो सकती है. वहीं देश के दूसरे इलाकों से भी इस तरह की खबरें आने की बात की गई है.
उल्लेखनीय है कि देश में इस समय करीब 14000 जूनियर खिलाड़ी देश भर के विभिन्न साई केंद्रों में प्रशिक्षण ले रहे हैं इनमें से 7000 खिलाड़ी लड़कियां है. साइ का कहना है कि दोषी कोचों को न केवल बर्खास्त किया जाएगा बल्कि उनकी पेंशन भी रोक दी जाएगी