सरिता ने AIBA से कहा, मुझे अफसोस है, फिर ऐसा नहीं करूंगी
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सरिता ने AIBA से कहा, मुझे अफसोस है, फिर ऐसा नहीं करूंगी

महिला मुक्केबाज एल सरिता देवी ने अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी संघ (एआईबीए) से एशियाई खेलों में कांस्य पदक स्वीकार करने से इनकार करने पर हुए अस्थाई निलंबन को हटाने का अनुरोध किया और कहा कि उन्हें पोडियम पर अपने व्यवहार का दुख है और वह ऐसा दोबारा कभी नहीं करेंगी।

सरिता ने  AIBA से कहा, मुझे अफसोस है, फिर ऐसा नहीं करूंगी

नई दिल्ली : महिला मुक्केबाज एल सरिता देवी ने अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी संघ (एआईबीए) से एशियाई खेलों में कांस्य पदक स्वीकार करने से इनकार करने पर हुए अस्थाई निलंबन को हटाने का अनुरोध किया और कहा कि उन्हें पोडियम पर अपने व्यवहार का दुख है और वह ऐसा दोबारा कभी नहीं करेंगी।

इंचियोन एशियाई खेलों के विवादित सेमीफाइनल में हारने पर पदक स्वीकार करने से इनकार करने पर लगे निलंबन के कारण सरिता के अगले महीने विश्व चैंपियनशिप में भाग लेने की संभावनाएं क्षीण हो गई हैं।

पूर्व विश्व एवं एशियाई चैंपियन सरिता ने एआईबीए के नोटिस के जवाब में लिखा, मैं स्वीकार करती हूं कि ये घटनाएं नहीं होनी चाहिए थी और मुझे इन घटनाओं का गहरा पछतावा है और मैं संकल्प लेती हूं कि यह फिर से कभी नहीं होगा।

उन्होंने कहा, अपनी गलतियां महसूस होने पर, मैंने एशियाई ओलंपिक परिषद और एशियाई खेल 2014 की आयोजन समिति को माफी वाला पत्र भेजा और कांस्य पदक स्वीकार किया। सरिता ने कहा कि एआईबीए की अनुशासन समिति द्वारा उनकी किस्मत के फैसले के वक्त उनके स्वच्छ अनुशासन रिकॉर्ड पर भी गौर किया जाए।

सरिता ने कहा, मेरे 14 साल के करियर में, मैं कभी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्पर्धाओं में किसी तरह की अनुशासनहीनता में शामिल नहीं रही। मैंने वर्ष 2001 में अमेरिका में पहली विश्व महिला मुक्केबाजी चैंपियनशिप में भाग लिया और मैं विश्व में चर्चित में से एक एमेच्योर महिला मुक्केबाज रही हूं, मैं आपके कार्यालय से मेरे पक्ष पर विचार करने और इंचियोन एशियाई खेल 2014 की घटनाओं के लिए मुझे माफ करने का अनुरोध करती हूं।

सरिता ने यह भी कहा कि पोडियम पर उनका व्यवहार सुनियोजित नहीं था और ना ही उन्हें इस तरह के व्यवहार के लिए उनके पति या रिंग के अंदर मौजूद तीन कोचों ने प्रेरित किया। इन कोचों को भी एआईबीए ने निलंबित किया है। उन्होंने कहा, मैं जिक्र करना चाहती हूं कि मेरे पति को एआईबीए के तकनीकी प्रतिनिधियों की उपस्थिति की जानकारी नहीं थी और उन्होंने उपस्थित सभी को एशियाई खेलों का आयोजक समझा।

सरिता ने कहा, मैं कहना चाहती हूं कि पदक समारोह के दौरान मेरा आचरण सुनियोजित नहीं था और यह भावनाओं का इजहार था, जिसके लिए मैं एक बार फिर माफी मांगती हूं। उन्होंने एआईबीए से उन पर लगा निलंबन हटाने का अनुरोध किया।

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