Shooting: मेडल जीतने हैं तो फोन बंद रखो और अनुशासित बनो: जसपाल राणा
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Shooting: मेडल जीतने हैं तो फोन बंद रखो और अनुशासित बनो: जसपाल राणा

कोच जसपाल राणा ने युवा निशानेबाजों को अभिनव बिंद्रा के नक्शेकदम पर चलने तथा ‘फोन बंद रखने और सोशल नेटवर्किंग से दूर रहने’ के लिए कहा. 

अनीश भानवाला और मनु भाकर मंगलवार को मेडल नहीं जीत सके. (फोटो: PTI/IANS)

नई दिल्ली: भारत में इन दिनों आईएसएसएफ शूटिंग वर्ल्ड कप (ISSF World Cup) चल रहा है. टूर्नामेंट के पहले दो दिन भारत ने गोल्ड मेडल जीते. लेकिन इसके बाद वह पदक हासिल नहीं कर सका है. भारत को युवा निशानेबाजों मनु भाकर और अनीश भानवाला से बड़ी उम्मीदें थीं, लेकिन वे इस पर खरे नहीं उतरे. इस निराशाजनक प्रदर्शन के बाद भारत के जूनियर निशानेबाजी कोच जसपाल राणा (Jaspal Rana) ने अपने शिष्यों को अभिनव बिंद्रा के नक्शेकदम पर चलने तथा ‘फोन बंद रखने और सोशल नेटवर्किंग से दूर रहने’ के लिए कहा. 

17 साल की मनु भाकर  (Manu Bhaker) महिलाओं के 25 मीटर पिस्टल इवेंट में मेडल जीतने में नाकाम रहीं. जबकि, 16 साल के अनीश भानवाला (Anish Bhanwala) पुरुषों के 25 मीटर रैपिड फायर पिस्टल में पांचवें नंबर पर रह गए. अब इन खिलाड़ियों को ओलंपिक कोटा हासिल करने के लिए अगले विश्व कप तक इंतजार करना होगा. 

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जसपाल राणा ने भारतीय निशानेबाजों के निराशाजनक प्रदर्शन के सवाल पर कहा, ‘वे जो अनुशासित हैं और जो किसी अन्य चीज में लिप्त नहीं है वे अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं. हमें निशानेबाजों की अच्छी तरह से देखरेख करने की जरूरत है क्योंकि यह पहला कदम है. कोटा हासिल करना मुश्किल नहीं है, लेकिन हम अब ओलंपिक के बारे में बात कर रहे हैं. इस साल के आखिर तक हमें काफी प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेना है और हमारे पास काफी कोटा स्थान होंगे.’ 

हाल के वर्षों में युवा निशानेबाजों की सफलता में अहम भूमिका निभाने वाले जसपाल राणा ने उम्मीद जताई कि यहां का निराशाजनक प्रदर्शन उन खिलाड़ियों के लिए सबक होगा, जो अपनी जीत तय मानकर चलते हैं. चयन विवाद के कारण राणा विश्व कप से पहले के राष्ट्रीय शिविर का हिस्सा नहीं थे. उनसे पूछा गया कि क्या शिविर में उनकी अनुपस्थिति से किसी तरह का अंतर पैदा हुआ है. उन्होंने कहा, ‘मेरे शिविर में होने या न होने से कोई अंतर पैदा नहीं होने जा रहा है. इस परिणाम के भी कुछ सकारात्मक पहलू हैं. लोग अब अपनी जीत तय मानकर नहीं चलेंगे.’

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जसपाल राणा ने कहा कि युवा निशानेबाजों को असफलता के बाद वापसी करने की सीख लेने की जरूरत है. उन्होंने कहा, ‘इन युवा खिलाड़ियों को सिखाया जाना चाहिए कि वापसी कैसे करनी है. अगर वे पिछड़ जाते हैं और वापसी नहीं कर पाते हैं तो यह आदत नहीं बननी चाहिए. हमें इस पर काम करना होगा.’ राणा ने कहा, ‘मानव (मानवजीत सिंह संधू), अभिनव बिंद्रा क्या करते थे. वे कड़ा अभ्यास करते थे. वे कमांडो ट्रेनिंग लेते थे. चोटों के बावजूद उन्होंने कड़ी मेहनत की. अब भी इसकी जरूरत है.’ 

(इनपुट: भाषा)

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