विश्व कुश्ती चैंपियनशिप: एक भी पदक नहीं ला सके भारतीय पहलवान
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विश्व कुश्ती चैंपियनशिप: एक भी पदक नहीं ला सके भारतीय पहलवान

रियो ओलम्पिक-2016 में कांस्य पदक जीतने वाले हासानोव भारतीय खिलाड़ी पर हावी रहे और 5-0 से मुकाबला जीत ले गए. अमित को काजाकिस्तान के अक्झूरेक तानातारोव ने 9-2 से मात दी.

यह लगातार दूसरी विश्व चैंपियनशिप है जब भारतीय पहलवान खाली हाथ वापस लौटे हैं. (फाइल फोटो)

पेरिस: बजरंग पूनिया विश्व कुश्ती चैंपियनशिप के अंतिम दिन पुरुषों की 65 किग्रा फ्रीस्टाइल स्पर्धा के अपने रेपेचेज दौर में हार गये जिससे भारत ने अपना अभियान एक भी पदक जीते बिना निराशाजनक तरीके से समाप्त किया. दिलचस्प बात है कि यह लगातार दूसरी विश्व चैंपियनशिप है जब भारतीय पहलवान खाली हाथ वापस लौटे हैं. पिछले साल बुडापेस्ट में पिछले टूर्नामेंट में भी देश कोई पदक नहीं जीता पाया था.

शनिवार (26 अगस्त) को अंतिम 16 में हारने के बावजूद बजरंग के पास कांस्य पदक के प्ले ऑफ दौर में जीतने का अच्छा मौका था, लेकिन वह मौकों का फायदा नहीं उठा सके. हाल में एशियाई चैम्पियन बने बजरंग से काफी उम्मीदें थी, लेकिन वह अपने तुर्की के प्रतिद्वंद्वी मुस्तफा काया को रेपेचेज बाउट में पस्त करने में असफल रहे और 3-8 से हार गये.

भारत के 24 सदस्यीय दल में से कोई भी पोडियम में जगह नहीं बना सका क्योंकि सभी अपने संबंधित वजन वर्गों के शुरुआती दौर में बाहर हो गये. मुख्य दौर में कोई भी पहलवान लगातार दो बाउट नहीं जीत सका. यहां तक कि जो अपने प्रतिद्वंद्वियां के शानदार प्रदर्शन से रेपचेज में पहुंचने में सफल हुए, वो भी कोई फायदा नहीं उठा सके. कोई भी भारतीय इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में कांस्य पदक के प्ले ऑफ में भी नहीं पहुंच सका.

शनिवार (26 अगस्त) को दौड़ में शामिल चार भारतीयों में से तीन ने अपने क्वॉलीफिकेशन दौर पार कर लिये, सिर्फ अमित धनकड़ (70 किग्रा) ही ऐसा नहीं कर सके जो कजाखस्तान के अकजुरेक तानातारोव से 2-9 से हार गये. बजरंग, प्रवीण राणा (74 किग्रा) और सत्यव्रत कादियां (97 किग्रा) ने अपनी क्वॉलीफिकेशन दौर की बाउट में जीत से अगले चरण में पहुंचकर अच्छी शुरुआत की. हालांकि सभी के सभी प्री क्वॉर्टरफाइनल में हार गये.

बजरंग को जार्जिया के जुरी लाकोबिशविली से 5-6 से जबकि राणा को अजरबेजान के जाब्रायिल हासानोव से 0-5 से हार का मुंह देखना पड़ा. कादियां को अर्मेनिया के जार्जी केतोयेव से 0-5 से हार मिली, लेकिन बजरंग को जार्जिया के प्रतिद्वंद्वी के 65 किग्रा स्वर्ण पदक दौर में पहुंचने से रेपेचेज में खेलने का मौका मिला लेकिन वह विफल रहे.

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