Wrestlers Protest: पिछले साल हर दिन पहलवानों के धरने की नई खबर देखने को मिलती थी. लेकिन कुछ महीनों से मसला थमा हुआ था. लेकिन अब एक बार फिर पहलवान धरने पर उतर आए हैं. खेल मंत्री के घर के बाहर पहलवानों का जमावड़ा देखने को मिला.
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Wrestlers Protest: पिछले साल हर दिन पहलवानों के धरने की नई खबर देखने को मिलती थी. लेकिन कुछ महीनों से मसला थमा हुआ था. उस दौरान विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष के खिलाफ धरने पर जमे हुए थे. लेकिन अब एक बार फिर पहलवान धरने पर उतर आए हैं. खेल मंत्री मनसुख मांडविया के घर के बाहर पहलवानों का जमावड़ा देखने को मिला. इसपर अब खेल मंत्री का रिएक्शन भी आ गया है.
क्या है मसला?
इस बार मसला कुछ और है. पहलवानों ने वर्ल्ड चैंपियनशिप में हिस्सा लेने की इच्छा जताई थी. लेकिन रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के फैसले के मुताबिक यह अभी संभव नहीं है. जिसके चलते कई नामी पहलवान खेल मंत्री के पास इस शिकायत को लेकर पहुंचे. सभी एथलीट्स रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया का विरोध कर रहे हैं. गुरुवार को सीनियर वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप से भारतीय टीम को हटाया गया था. जानकारी के मुताबिक विश्व संचालन संस्था UWW (यूडब्ल्यूडब्ल्यू) को सूचित किया गया कि खेल मंत्रालय उसकी स्वायत्तता में हस्तक्षेप कर रहा है.
क्या बोले खेल मंत्री?
28 अक्टूबर से अल्बानिया के तिराना में होने वाली सीनियर विश्व कुश्ती चैंपियनशिप पर केंद्रीय खेल मंत्री मनसुख मंडाविया ने रिएक्शन दिया है. उन्होंने कहा, 'आज पहलवानों ने मुझे इस मामले के बारे में जानकारी दी और मैंने निर्देश दिया कि मामला अदालत में चलेगा. लेकिन मेरे भारतीय पहलवान विश्व चैंपियनशिप में हिस्सा लें.'
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उन्होंने आगे कहा, 'मारे पहलवान जाएंगे और मेडल लाएंगे...अगर कोई फेडरेशन अपनी क्षमता के हिसाब से अच्छा काम करता है तो सरकार उसकी मदद करती है. देश में खेलों की प्रगति हो और हमारे खिलाड़ी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करें.'