बंटवारे का दर्द और आजादी के 76 साल... जानिए आज कहां खड़ा है हिंदुस्तान-कहां पड़ा है पाकिस्तान?
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बंटवारे का दर्द और आजादी के 76 साल... जानिए आज कहां खड़ा है हिंदुस्तान-कहां पड़ा है पाकिस्तान?

भारत आपदा से जूझ रहे तुर्की और सीरिया जैसे कई मुल्कों के मदद के लिए आगे आया लेकिन 14 अगस्त 1947 को आजाद हुआ पाकिस्तान आर्थिक और राजनीतिक अस्थिरता के दलदल में फंसता जा रहा है. आपको बता दें कि आईएमएफ के कर्जदारों की लिस्ट में पाकिस्तान का नंबर चौथे पर आता है.

फाइल फोटो

Independence Day 2023: कत्लेआम, लूट, पलायन और तबाही देखते हुए साल 1947 में भारतीय उपमहाद्वीप दो मुल्कों में बंट गया, जिसके एक हिस्से को हिंदुस्तान और दूसरे को पाकिस्तान कहा गया. नफरत की सियासत ने बंटवारे को जन्म दिया और एक इस्लामिक मुल्क दुनिया के वजूद में आया. आज आजादी के करीब 76 साल बाद दोनों देश कहां खड़े हैं. इस बारे में भी जान लेना चाहिए.

आज 77वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर पीएम मोदी ने लाल किले से भारत की उपलब्धियां गिनाई. जानकारों का कहना है कि अगले पांच साल में भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा. वहीं भारत में चंद्रयान और गगनयान जैसे मिशन पर काम किया जा रहा है. पीएम मोदी ने 2047 तक भारत को विकसित देशों की लिस्ट में शामिल करने का लक्ष्य रखा है.

भारत ने कोरोना के दौर में दुनिया के सामने कोविड वैक्सीन के उत्पादन की क्षमता को पेश किया. वहीं आपदा से जूझ रहे तुर्की और सीरिया जैसे कई मुल्कों के लिए भारत आगे आया. 15 अगस्त से करीब एक दिन पहले यानी 14 अगस्त को पाकिस्तान आजाद हो गया था, लेकिन आज पाकिस्तान आर्थिक और राजनीतिक अस्थिरता के दलदल में फंसता जा रहा है. 14 अगस्त को पाकिस्तान ने अपने स्वतंत्रता दिवस पर खूब बढ़ चढ़कर दिखावा किया, लेकिन यह बात बिलकुल सही है कि पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार तेजी से खत्म हो रहा है. 

गंभीर नकदी संकट से जूझ रहे पाकिस्तान में महंगाई चरम पर है, वहीं आम जनता त्राहिमाम कर रही है. राजनीतिक उथल-पुथल के बीच अनवर उल हक काकर ने पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ ली. हालांकि, शहबाज सरकार ने ही काकर का चयन किया था. गंभीर आर्थिक संकट में फंसा पाकिस्तान चीन, अमेरिका, सऊदी अरब और यूएई सभी के आगे 'कटोरा' लेकर खड़ा है.

वर्तमान समय में पाकिस्तान पर करीब 120 अरब डॉलर का कर्ज लदा हुआ है. IMF अपनी कड़ी शर्तों के साथ पाकिस्तान की मदद करने को आगे आया है, अगर यहां बात नहीं बनती है तो पाकिस्तान दिवालिया होने की करार पर है. आपको बता दें कि आईएमएफ के कर्जदारों की लिस्ट में पाकिस्तान का नंबर चौथे पर आता है.

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