भाजपा ने ठुकराई येदियुरप्पा की पसंद
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भाजपा ने ठुकराई येदियुरप्पा की पसंद

कर्नाटक में येदियुरप्पा खेमे की मुख्यमंत्री पद के लिए पसंद उडुपी के सांसद सदानंद गौड़ा के नाम पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के केंद्रीय नेतृत्व के रजामंद नहीं होने पर पार्टी को तीन अगस्त तक के लिए राज्य में नेतृत्व चयन का मुद्दा टालना पड़ा है।

नयी दिल्ली (बेंगलूर) : कर्नाटक में येदियुरप्पा खेमे की मुख्यमंत्री पद के लिए पसंद उडुपी के सांसद सदानंद गौड़ा के नाम पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के केंद्रीय नेतृत्व के रजामंद नहीं होने पर पार्टी को तीन अगस्त तक के लिए राज्य में नेतृत्व चयन का मुद्दा टालना पड़ा है।
कर्नाटक मामलों के प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, ‘भाजपा विधायक दल के नेता का चुनाव 3 अगस्त को सुबह 11 बजे किया जाएगा।’ इससे पहले निर्वतमान मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा ने तीन नामों का पैनल दिया था जिसमें गौड़ा के अलावा उच्च शिक्षा मंत्री वी एस आचार्य, कानून एवं न्याय मंत्री सुरेश कुमार एस शामिल थे। हालांकि केंद्रीय नेतृत्व इस पद के लिए गौड़ा की उम्मीदवारी पर सहमत नहीं हुआ। भाजपा महासचिव और सांसद अनंत कुमार और उनके समर्थक गौड़ा के अगले मुख्यमंत्री बनने का भारी विरोध कर रहे है।

अपुष्ट खबरों के मुताबिक,  केंद्रीय नेतृत्व कुमार को अगले मुख्यमंत्री बनाने पर सहमति कायम करने में जुट गया है। ब्राह्मण नेता कुमार येदियुरप्पा के विरोधी माने जाते हैं और बताया जाता है कि अतीत में येदियुरप्पा के खिलाफ जो भी असंतोष हुआ उस के पीछे कुमार ही हाथ रहा है।
इससे पहले केंद्रीय पर्यवेक्षकों अरूण जेटली और राजनाथ सिंह ने बेंगलूर में येदियुरप्पा खेमे और प्रदेश अध्यक्ष के एस ईश्वरप्पा की अगुवाई वाली प्रतिद्वंद्वी खेमे से चार घंटे से भी अधिक समय तक चर्चा की और फिर वे दिल्ली रवाना हो गए, जहां येदियुरप्पा सदानंदा गौड़ा के नाम पर दबाव बना रहे हैं वहीं प्रतिद्वंद्वी गुट उनका विरोध कर रहा है । प्रतिद्वंद्वी खेमे में ईश्वरप्पा के अलावा पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव एच एन अनंतकुमार और मंत्री द्वय जगदीश शेट्टार एवं आर अशोका हैं।

बताया जाता है कि येदियुरप्पा विरोधी खेमे ने प्रारंभ में मुख्यमंत्री पद के लिए शेट्टार या कुमार का नाम आगे बढ़ाया लेकिन यह पहले खेमे को पंसद नहीं आया। उसके बाद ईश्वरप्पा खेमे ने शेट्टार को उपमुख्यमंत्री बनाए जाने की मांग की। येदियुरप्पा खेमे को यह मांग रास नहीं आयी। सूत्रों ने कहा कि दोनों खेमे अपनी अपनी मांगों पर अड़े हैं और ऐसे में कोई सहमति नहीं बन रही है। उसके बाद यह निर्णय लिया गया है कि यह मुद्दा केंद्रीय नेतृत्व के पास ले जाया जाए। नेतृत्व के संकट के समाधान के लिए कर्नाटक में भाजपा नेताओं से वार्ता में शामिल वरिष्ठ नेता एम वेंकैया नायडू भी कुमार के करीबी माने जाते हैं। यदि सहमति बनती है तो कुमार येदियुरप्पा के उत्तराधिकारी बन सकते हैं।
कुमार वरिष्ठ पार्टी नेता लालकृष्ण आडवाणी के भी निकट हैं।
यदि कुमार या उनके कोई करीबी मुख्यमंत्री बनते हैं तो येदियुरप्पा खेमा चैन से नहीं बैठेगा और पार्टी की कर्नाटक इकाई में असंतोष आम हो जाएगा। येदियुरप्पा ने कर्नाटक विधानसभा में भाजपा के 121 विधायकों में से 75 का समर्थन होने का दावा किया है। उन्हें 14 सांसदों का भी समर्थन हासिल है।

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