रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में 51 प्रतिशत डॉटा ब्रीच का मूल कारण दुर्भावनापूर्ण या आपराधिक हमले रहे, सिस्टम में हुई गड़बड़ी ने 27 प्रतिशत ब्रीच में योगदान दिया और मानवीय त्रुटि के कारण 22 प्रतिशत ब्रीच की घटनाएं हुई हैं.
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नई दिल्ली: भारत में डॉटा ब्रीच (उल्लंघन) का औसतन मूल्य साल दर साल 7.29 प्रतिशत से बढ़ रहा है. जहां पिछले साल यह 11.9 करोड़ रुपये था, वहीं इस साल यह 12.8 करोड़ रुपये हो गया है. आईबीएम (अंतर्राष्ट्रीय व्यवसाय तंत्र) के एक नए अध्ययन में मंगलवार को यह जानकारी दी गई. 'कॉस्ट ऑफ ए डॉटा ब्रीच' की रिपोर्ट में कहा गया, "पर कैपिटा कॉस्ट (प्रति व्यक्ति लागत) पर लॉस्ट और स्टोलेन (प्रति गुम या चोरी) का रिकॉर्ड 5,019 रुपये तक पहुंच गया, जो कि पूर्व वर्ष से 9.76 प्रतिशत की वृद्धि का प्रतिनिधित्व करता है."
भारत में 51 प्रतिशत डॉटा ब्रीच का मूल कारण दुर्भावनापूर्ण या आपराधिक हमले रहे, सिस्टम में हुई गड़बड़ी ने 27 प्रतिशत ब्रीच में योगदान दिया और मानवीय त्रुटि के कारण 22 प्रतिशत ब्रीच की घटनाएं हुई.
सुरक्षा सॉफ्टवेयर लीडर, आईबीएम इंडिया / दक्षिण एशिया वैद्यनाथन अय्यर ने एक बयान में कहा, "साइबर अपराधों के नेचर में भारत एक महत्वपूर्ण बदलाव देख रहा है, यह अब बहुत संगठित और सहयोगी है."