भारत- चीन के सीमा विवाद के बीच नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार ने बीते दिनों चीन को एक और बड़ा झटका दिया था. केंद्र सरकार ने टिकटॉक (TikTok), यूसी ब्राउजर (UC Browser) समेत 59 चीनी ऐप्स को देश में बैन कर दिया था.
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नई दिल्ली: भारत- चीन के हुई तल्खी के बीच नरेंद्र मोदी सरकार ने बीते दिनों चीन को एक और बड़ा झटका दिया था. केंद्र सरकार ने टिकटॉक (TikTok), यूसी ब्राउजर समेत 59 चीनी ऐप्स को देश में बैन कर दिया था. पर अब साइबर अपराधी इन एप्स के नाम पर फेक URLs भेज रहे हैं, जो ये दावा कर रहे हैं कि देश में यह ऐप चलेगा. इनको फेक URLs को डाउनलोड करते ही यह आपके फोन में सेंध लगा रहे हैं.
आपको बता दें, इन फेक URLs पर बिल्कुल भी ध्यान ना दें. क्योंकि इनका मकसद केवल आपके फोन का डाटा (Data) चुराने का है. सरकार के 59 ऐप्स को बैन करने का यही मकसद था. जिससे देश के किसी भी व्यक्ति की कोई जानकारी का गलत इस्तेमाल ना हो.
हाल ही में कैसपरस्काई (Kaspersky) से एक रिसर्च टीम ने पाया कि साइबर क्रिमिनल्स (cyber criminals) यूजर्स को फोन में डाउनलोड करने के लिए ये लिंक्स भेजते हैं. इन साइबर क्रिमिनल्स का एक ही मकसद होता की यूजर इस लिंक को अपने फोन में डाउनलोड करे और वह उनके फोन से सभी जरूरी डाटा निकाल सके.
“TikTok Pro नाम से यह ऐप यूजर जैसे ही अपने डिवाइस में डाउनलोड करता है. तभी ऐप फोन के कांटेक्ट नंबर और SMS को रिड करने की परमिशन मांगता है. उसके बाद यूजर को अपनी कुछ जानकारी TikTok को लेकर वहां डालनी पड़ती है. जिसके बाद ये साइबर क्रिमिनल्स इसका फायदा उठाकर पैसा कमाते हैं.
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हमेशा ऑफिशियल ऐप स्टोर से ही कोई भी एप्लीकेशन डाउनलोड करें.
ऐप डाउनलोड (Download) करने के बाद किसी भी तरह की जानकारी देने से पहले उसे अच्छे से पढ़ लें.
कोई भी विश्वसनीय साइबर सिक्योरिटी (Cyber Security) सॉफ्टवेयर या एंटीवायरस को इस्तेमाल करें, जो आपको गलत और सही की जानकारी दे सके.