क्या ChatGPT खा जाएगा इंसानों की नौकरी? हर किसी के मन में यही सवाल है. इंफोसिस के संस्थापक एनआर नारायण मूर्ति ने एआई के भविष्य और वायरल चैटबॉट ChatGPT के बारे में अपने विचार व्यक्त किए, जिसने लॉन्च होते ही दुनिया में तूफान ला दिया.
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ChatGPT की लोकप्रियता काफी बढ़ती जा रही है. हर जगह AI Chatbot की खूब चर्चा हो रही है. हर कोई इसको भविष्य मान रहा है. लेकिन कईयों का मानना है कि यह कामकाजी आबादी के लिए यह एक बहुत बड़ा खतरा है. लोग मानते हैं कि यह ह्यूमन की जॉब्स को खा जाएगा. वहीं कुछ लोग मानते हैं कि यह लोगों की नौकरियों में मदद करेगा. इंफोसिस के संस्थापक एनआर नारायण मूर्ति ने एआई के भविष्य और वायरल चैटबॉट ChatGPT के बारे में अपने विचार व्यक्त किए, जिसने लॉन्च होते ही दुनिया में तूफान ला दिया.
Infosys founder NR Narayan Murthy ने कही यह बात
All India Management Association (AIMA) के 67वें स्थापना दिवस पर नारायण मूर्ति ने कहा कि एआई इंसानों की जगह नहीं लेगा क्योंकि वे एआई को ऐसा करने की अनुमति नहीं देंगे. उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि एक गलत धारणा है कि AI मानव की जगह ले लेगी, मानव कृत्रिम बुद्धि को उनकी जगह लेने की अनुमति नहीं देगा.' इंफोसिस के फाउंडर का कहना है कि AI ने 'सहायक बनकर' हमारे जीवन को और अधिक आरामदायक बना दिया है.
जीवन को बनाएगा आसान
उन्होंने आगे कहा, 'इन टेक्नोलॉजीज ने मनुष्य के जीवन को और आरामदायक बनाया है.' मूर्ति ने यह भी कहा कि इंसान के पास दिमाग की ताकत होती है जिसका मुकाबला कोई कंप्यूटर नहीं कर सकता. उनका मानना है कि एआई मानव के अधिक समय को खाली कर देगा। हालाँकि, उस खाली समय का आनंद लेने के बजाय, मनुष्य नई चीजों के बारे में सोचना शुरू कर देगा और व्यस्त हो जाएगा.
उन्होंने कहा, 'कई लोगों ने एक समय सोचा था कि ये सभी कंप्यूटर हमें और अधिक स्वतंत्र बना देंगे. ऐसा नहीं हुआ है. कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप किस तकनीक का आविष्कार करेंगे. इंसान का दिमाग हमेशा एक कदम आगे होता है और उस तकनीक का मालिक बन जाता है.'
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