Hanooman AI: हनुमान जनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (GenAI) प्लेटफॉर्म बनाने वाली कंपनी सीता महालक्ष्मी हेल्थकेयर (SML) अपना खुद का ऑपरेटिंग सिस्टम (OS) भी बनाने जा रही है. आइए आपको बताते हैं कि यह कब तक लॉन्च हो सकता है.
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Artificial Intelligence: सीता महालक्ष्मी हेल्थकेयर (SML) कंपनी ने भारत में ही बनाया हुआ Hanooman जनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (GenAI) प्लेटफॉर्म लॉन्च किया था. अब एक रिपोर्ट के मुताबिक ये कंपनी एक ऑपरेटिंग सिस्टम (OS) भी बनाने जा रही है. मनीकंट्रोल की रिपोर्ट के मुताबिक SML के को-फाउंडर और CEO विष्णु वर्धन का कहना है कि कंपनी AI सॉल्यूशंस का एक पूरा सिस्टम बनाने की कोशिश कर रही है. आइए आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं.
वर्धन ने बताया कि ऑपरेटिंग सिस्टम की बीटा टेस्टिंग अगले महीने शुरू हो सकती है और तीन महीने के अंदर ये लॉन्च हो सकता है. उन्होंने कहा कि "हम छोटे AI मॉडल बना रहे हैं जिन्हें चलाने के लिए ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट (GPUs) की जरूरत नहीं होगी. हमारा मानना है कि ये बड़ा अवसर है. हनुमान प्लेटफॉर्म के लिए ऐसे एप्लिकेशन टूल्स चाहिए जिनका इस्तेमाल लोग आसानी से कर सकें. हम आने वाले महीनों में ऐसे एप्लिकेशन और साथ ही साथ एक OS भी बना रहे हैं. ये एक तरह का नो-कोड प्लेटफॉर्म होगा."
कितनी भाषाओं में काम कर रहा Hanooman
Hanooman प्लेटफॉर्म अभी 98 भाषाओं में काम करता है, जिसमें भारत की 12 भाषाएं भी शामिल हैं. कंपनी का लक्ष्य है कि लॉन्च के पहले साल में ही 20 करोड़ यूजर्स इस प्लेटफॉर्म तक पहुंच पाएं. वर्धन ने आगे बताया कि "हम बड़े लैंग्वेज मॉडल्स (LLMs) के ऊपर ये ऑपरेटिंग सिस्टम एस बना रहे हैं. LLM एप्लिकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस (API) को एक्सपोज कर सकते हैं, इसीलिए हमने आगे ऐसे टूल्स बनाने का सोचा है जिनका इस्तेमाल करके थोड़ा बहुत ज्ञान रखने वाला कोई भी व्यक्ति अपनी कंपनी के लिए एजेंट बना सके. ये OS अच्छे लैपटॉप पर चल सकता है. हम जनरेटिव AI में एज कंप्यूटिंग लाना चाहते हैं, लेकिन इसके लिए हमें लैपटॉप का ही इस्तेमाल करना होगा. चिप्स लगाना काफी महंगा होगा."
कंपनी OS क्यों बनाना चाहती है
कंपनी का लक्ष्य महंगे ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट (GPUs) पर निर्भरता कम करना है. ये ऑपरेटिंग सिस्टम इस दिशा में अगला कदम माना जा रहा है. ओएस के साथ-साथ कंपनी एंटरप्राइज के लिए छोटे लैंग्वेज मॉडल (SLMs) भी बना रही है. इसका मकसद LLM द्वारा एंटरप्राइज के लिए API एक्सपोज करने की चिंताओं को दूर करना है. LLM की तुलना में SLM किफायती ऑप्शन है और इन्हें खास काम करने के लिए तैयार किया जाता है. इन्हें कम कम्प्यूटेशनल पावर पर चलाया जा सकता है.