DNA with Sudhir Chaudhary: i-Pod ने 21 वर्ष की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया
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DNA with Sudhir Chaudhary: i-Pod ने 21 वर्ष की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया

DNA with Sudhir Chaudhary: i-Pod ने ना सिर्फ Music Industry को बदला बल्कि इसने गानों को सुनने का एक नया अनुभव भी लोगों को दिया. i-Pod ने 21 वर्ष की उम्र में अब दुनिया को अलविदा कह दिया है.

DNA with Sudhir Chaudhary: i-Pod ने 21 वर्ष की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया

DNA with Sudhir Chaudhary: i-Pod को Apple कम्पनी ने बन्द करने का ऐलान किया है. i-Pod को 21 साल पहले 23 अक्टूबर 2001 को लॉन्च किया गया था, जिसकी कीमत भारतीय रुपये में तब 30 हजार रुपये थी और ये पहला MP3 Player था, जो एक हजार से ज्यादा गाने और 10 घंटे की बैटरी को स्टोर करने में सक्षम था. i-Pod ने ना सिर्फ Music Industry को बदला बल्कि इसने गानों को सुनने का एक नया अनुभव भी लोगों को दिया. लेकिन कहते हैं कि जैसे हर शुरुआत का अंत सुनिश्चित है. ठीक वैसे ही i-Pod ने 21 वर्ष की उम्र में अब दुनिया को अलविदा कह दिया है.

2001 में लॉन्च हुआ था i-Pod

वर्ष 2001 में जब i-Pod लॉन्च हुआ था, तब इसमें एक हजार गाने स्टोर करके रखे जा सकते थे. जिन लोगों ने Walkman और Audio Cassettes का जमाना देखा है, वो ये बात बेहतर तरीके से समझ सकते हैं कि उस समय एक डिवाइस में एक हजार गाने होना कितनी बडी बात थी. हालांकि Apple कम्पनी के फाउंडर Steve Jobs जानते थे कि अगर घडी की सुई की तरह i-Pod को भी समय समय पर रिसेट नहीं किया गया और इसके नए और Updated वर्जन नहीं लाए गए तो दुनिया में कोई भी इस डिवाइस को नहीं खरीदेगा.

2001 से 2019 के बीच i-Pod

वर्ष 2001 से 2019 के बीच i-Pod के कई Version आए. इनमें गानों को स्टोर करने की क्षमता भी बढ़ाई गई. वर्ष 2004 में Apple ने i-Pod का एक नया Version लॉन्च किया, जिसमें 10 हजार गानों को स्टोर करके रखा जा सकता था. इसके अलावा 5 सितंबर, 2007 को i-Pod Touch लॉन्च हुआ और इन सभी फीचर्स ने उस समय i-Pod को हिट कर दिया. वर्ष 2001 से वर्ष 2021 के बीच दुनियाभर में Apple कम्पनी द्वारा 45 करोड़ i-Pod बेचे गए.

i-Pod के फेल होने के कारण

पहला- इसका जो नया वर्जन आया, उसमें कैमरा और टच स्क्रीन दोनों थे. इससे लोगों को लगा कि जब ये एक स्मार्टफोन की तरह ही है तो फिर वो इसे खरीदने के बजाय कोई स्मार्टफोन ही क्यों ना खरीदें, जिसमें Calling की भी सुविधा होती है. दूसरा- आखिर बार i-Pod को 2019 में अपडेट किया गया था. इसकी कीमत 199 US Dollar है, यानी करीब 15,400 रुपए uw. इतने पैसों में आज कई फीचर्स के साथ एक शानदार Smartphone आ जाता है, इसलिए लोग i-Pod खरीदने से बचने लगे और इसकी बिक्री धीरे-धीरे काफी कम हो गई. आप कह सकते हैं कि स्मार्टफोन तो सबसे स्मार्ट निकला ही. साथ ही लोग भी काफी स्मार्ट निकले.

संगीत सुनना हमेशा से इतना आसान नहीं था

आज इस तरह के हजारों मोबाइल Apps और Music Streaming Platform मौजूद हैं, जिन पर आप किसी भी क्षण अपनी मर्जी का कोई भी गाना, कितनी भी बार सुन सकते हैं. ये ऐप्स किसी समुद्र की तरह हैं, जो लाखों गाने की Playlist से भरे हुए हैं. इसलिए आज कल की जो पीढ़ी है, वो ये नहीं जानती होगी कि इंसानों के लिए संगीत सुनना हमेशा से इतना आसान नहीं था. इस सफर में 1878 का साल सबसे अहम साबित हुआ, जब अमेरिकी आविष्कारक Thomas Alva Edison ने पहली बार Phonograph का पेटेंट कराया. ये एक ऐसा यंत्र था, जिसमें आवाज को रिकॉर्ड किया जा सकता था और बाद में उसे सुना भी जा सकता था. उस जमाने में जब Live Concert हुआ करते थे, तब संगीत को Record करने और उसे बाद में सुनने के लिए Phonograph का ही इस्तेमाल होता था. हालांकि ये यंत्र काफी बढ़ा था और ये प्रक्रिया भी काफी जटिल थी. जिसके बाद में इसमें कई तरह के बदलाव हुए.

Gramophone अमीरों के घरों में ही होता था

फिर बाद में Phonograph ही आगे चलकर Gramophone के नाम से मशहूर हुआ. Music industry के लिए ये एक क्रांतिकारी आविष्कार था. जिसके बारे में दुनिया को पहली बार वर्ष 1887 में पता चला. हालांकि Gramophone पर गाने सुनना आसान नहीं था. इसमें एक बड़ा सा Loud Speaker होता था और इसके नीचे एक Disc लगाने की जगह होती थी. गाने इसी Disc में Record होते थे. जरा सी चूक हो जाए तो इनके टूटने का खतरा भी रहता था और ये महंगे भी बहुत होते थे. इसलिए उस समय Gramophone अमीरों के घरों में ही होता था. Gramophone का दौर काफी लम्बा चला. लेकिन इसकी बनावट, वजन, आकार और इसके कीमती होने की वजह से इसमें कई बदलाव करने पड़े. फिर Netherlands के महान अविष्कारक Lou-Ottens (लो-ऑट्न्स) ने वर्ष 1962 में एक Audio Cassette बनाया, जिसने Music Industry को पूरी तरह बदल दिया. ये Cassette Gramophone की तुलना में काफी हल्का और सस्ता था.

एक Disc की कीमत 500 से 3,000 रुपये तक थी

उस समय एक Gramophone के एक Disc की कीमत 500 से 3,000 रुपये तक थी, जबकि एक कैसेट की कीमत 50 रूपये से 200 रूपये ही होती थी. इस सस्ते और सुविधाजनक विकल्प ने पूरी दुनिया में संगीत को सुनने का तरीका बदल दिया. और Audio Cassette ने समाज में एक बहुत बडा बदलाव किया. इसने बुद्धिजीवियों और अमीरों की कैद से संगीत को निकाल कर देश के हर घर में पहुंचा दिया और इस अविष्कार की खास बात ये थी कि इस Product ने एक नई Music Industry को जन्म दिया.

Walkman का भी आविष्कार

Audio Cassette आया तो Tape Player और Tape Recorder बने और फिर उसे चलाने के लिए वर्ष 1979 में Walkman का भी आविष्कार हुआ. और कुछ समय के बाद बाद Blank Cassettes में गाने Record करने का व्यवसाय भी शुरू हो गया. Audio Cassettes की बिक्री में भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा बाजार था. 1980 और 90 के दशक में देश में हर साल 18 करोड़ Audio Cassettes बेचे जाते थे जबकि उस समय देश की आबादी 70 करोड़ थी. यानी हर चार साल में देश की आबादी के बराबर Audio Cassettes बिक जाते थे. उस समय देश में Audio Cassettes की इंडस्ट्री 1200 करोड़ रुपये की थी.

Audio Cassettes और Walkman का भी अंत

हालांकि जो Audio Cassettes और Walkman एक जमाने में इतने लोकप्रिय थे, उनका भी एक दिन अंत हो गया. Computer के अविष्कार के बाद वर्ष 1982 में Compact Disc यानी CD की खोज हुई. इसमें Digital तरीके से Data storage किया जाता था और इसके Store करने की क्षमता और  Audio Quality, Cassette से काफी बेहतर हुआ करती थी. तब एक CD में 100 गाने स्टोर किए जा सकते थे और इनमें Audio Cassettes की तरह रील भी नहीं फंसती थी. इसके बाद वर्ष 1996 में DVD यानि Digital Video Disc बाजार में आया, जिसमें CD से ज्यादा गाने स्टोर करने की क्षमता थी. फिर वर्ष 2000 में Portable Media Player यानी MP Player लॉन्च हुआ, जिसमें एक छोटी सी Device में सैकडों गाने स्टोर किए जा सकते थे. साथ ही इसमें इंटनेट के जरिए नए गाने भी अपलोड हो सकते थे. हालांकि MP Player में क्रान्तिकारी बदलाव करके Apple कम्पनी के फाउंडर Steve Jobs वर्ष 2001 में I-Pod लेकर आए, जिसमें एक हजार गानों का कलेक्शन होता था. लेकिन अब Smartphone का जमाना है. अब आपके फोन में इस तरह के कई ऐप्स और Music Streaming Platform आ गए हैं, जिन पर लाखों गाने मौजूद हैं. 

Smartphone ने कई चीजों को खत्म कर दिया

- इसने I-Pod को खत्म कर दिया.
- इसने कैमरे को खत्म कर दिया.
- Smartphone ने Address Book को भी खत्म कर दिया, जिसमें आप लोगों का पता और दूसरी जानकारी नोट करके रखते थे
- Calendar को खत्म कर दिया
- घड़ी को भी खत्म कर दिया.
- Alarm Clock को खत्म कर दिया
- Calculator को खत्म कर दिया
- Torch को खत्म कर दिया

टीवी की जरूरत भी खत्म

सबसे अहम Smartphone ने टीवी की जरूरत को भी खत्म कर दिया है. अब आपके मोबाइल फोन की स्क्रीन ही आपकी टीवी स्क्रीन बन चुकी है. आप कहीं भी किसी भी समय अपने मोबाइल फोन पर कुछ भी देख सकते हैं. लाइव टीवी भी अब आपके मोबाइल फोन पर मौजूद है. इसके अलावा अब किताबों की डिजिटल कॉपी भी मोबाइल फोन पर आने लगी हैं. आज आपका Smartphone आपके Vitals भी बता सकता है. आप दिनभर में कितना चले हैं, आपका Pulse Rate क्या है और आपको हर रोज कितना व्यायाम करने की जरूरत है, ये सब आज आपके फोन पर उपलब्ध है. अब तो आपके मोबाइल फोन पर ऐसे मोबाइल ऐप्स भी आ गए हैं, जो Artificial Intelligence की मदद से एक डॉक्टर की तरह आपका इलाज कर सकते हैं.

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