लेबनान में कैसे वॉटी-टॉकी बन गए बम, साइबर एक्सपर्ट से समझिए
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लेबनान में कैसे वॉटी-टॉकी बन गए बम, साइबर एक्सपर्ट से समझिए

Lebanon Pager Attack: लेबनान में पहले पेजर और अब वॉकी और और छोटे रेडियो के जरिए ब्लास्ट किए गए. इन ब्लास्ट्स से यह सवाल उठना लाजमी है कि अगर पेजर और छोटे रेडियो को हथियार की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है तो क्या मोबाइल फोन के जरिए भी ब्लास्ट किए जा सकते हैं? आइए आपको बताते हैं कि इस मामले में साइबर एक्सपर्ट पवन दुग्गल ने क्या कहा. 

लेबनान में कैसे वॉटी-टॉकी बन गए बम, साइबर एक्सपर्ट से समझिए

Lebanon Walkie-Talkies Blast: मंगलवार को लेबनान में अलग-अलग जगहों पर हिजबुल्ला के पेजरों में ब्लास्ट हुए थे, जिसमें 16 लोगों की मौत हुई थी और 2700 लोग घायल हो गए थे. इजरायल ने टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके पेजर्स में पेजर्स में एक साथ ब्लास्ट किए. इस घटना ने सभी को चौंका कर रख दिया था. लोग पेजर ब्लास्ट की घटनाओं से सहमे हुए थे कि बुधवार को वॉकी-टॉकी और छोटे रेडियो में धमाके हुए, जिसमें 3 लोग मारे गए. 

टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल
लेबनान में हुए सीरियल ब्लास्ट में टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया. इन ब्लास्ट में टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके डिवाइस को बम बना दिया गया. पहले पेजर और अब वॉकी और और छोटे रेडियो के जरिए ब्लास्ट किए गए. इन घटनाओं ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है. इन ब्लास्ट्स से यह सवाल उठना लाजमी है कि अगर पेजर और छोटे रेडियो को हथियार की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है तो क्या मोबाइल फोन के जरिए भी ब्लास्ट किए जा सकते हैं? आइए आपको बताते हैं कि इस मामले में साइबर एक्सपर्ट पवन दुग्गल ने क्या कहा. 

साइबर एक्सपर्ट पवन दुग्गल ने क्या कहा?
साइबर एक्सपर्ट पवन दुग्गल ने कहा कि यह साइबर सुरक्षा में सेंध का मामला. सारे के सारे पेजर एक साथ फटे. ये पेजर्स किसी तार के साथ कनेक्टेड नहीं थे. यह एक पीजिंग नेटवर्क के साथ कनेक्टेड थे. जो इंस्ट्रक्शन आई फटने की वो डिजिटली आई और वो तब आई जब साइबर सुरक्षा सेंध लगी.   

क्या मोबाइल फोन भी फट सकते हैं?

जब साइबर एक्सपर्ट पवन दुग्गल से पूछा गया कि क्या मोबाइल फोन को भी हथियार की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है तो उन्होंने कहा कि मोबाइल फोन एक सिटिंग टाइम बम है. एक हथियार है जो हमारी जेबों में है. इस रिमोटली हैक किया जा सकता है. रिमोटली इसमें ब्लास्ट कराया जा सकता है. अभी तक तो ट्रेडिशनल थिंकिंग यह थी कि इंटरनेट के माध्यम से क्राइम किए जा सकते हैं. लेकिन, अभी तक किसी ने यह नहीं सोचा था कि डिवाइस को ही हथियार बनाया जा सकता है. 

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जब पेजर को हथियार बना दिया गया है तो अगल पड़ाव मोबाइल फोन्स पर है, इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस पर है. अगर आप कोई भी मोबाइल फोन या इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस इस्तेमाल करते हैं तो हिदायत होगी कि साइबर सुरक्षा के पहलुओं पर ज्यादा ध्यान दें और अपनी जागरूकता बढ़ाएं. लोग अपने फोन को अपनी जेब में अपनी शर्ट में रख लेते हैं. उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि डिवाइस को शरीर से थोड़ा परे रखना पड़ेगा थोड़ी सावधानी बरतनी पड़ेगी. 

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