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मेटा कंपनी के मालिक मार्क जुकरबर्ग ने कहा है कि वे 2025 तक कंपनी में काम करने वाले उन लोगों की जगह AI का इस्तेमाल करेंगे जो सॉफ्टवेयर बनाने का काम करते हैं. यह फैसला दिखाता है कि मेटा अब सॉफ्टवेयर बनाने के लिए एक नए तरीके का इस्तेमाल करने जा रहा है. शुक्रवार को जो रोगन एक्सपीरियंस पॉडकास्ट में बात करते हुए, जुकरबर्ग ने बताया कि मेटा और अन्य बड़ी तकनीकी कंपनियां ऐसी AI सिस्टम विकसित कर रही हैं जो जटिल कोडिंग का काम कर सकती हैं, जो अभी तक इंसान ही करते हैं.
बनेंगे ऐसे AI
जुकरबर्ग ने कहा, 'हम एक ऐसा AI बनाएंगे जो आपके कंपनी में काम करने वाले मध्यम स्तर के इंजीनियर की तरह काम कर सकेगा और कोड लिख सकेगा.' भविष्य में हो सकता है कि मेटा में सारे कोड AI ही लिखे. हालांकि, उन्होंने कहा कि शुरुआत में इस पर बहुत ज्यादा खर्च आएगा. मेटा में काम करने वाले मध्यम स्तर के सॉफ्टवेयर इंजीनियरों को सालाना लगभग 500,000 डॉलर मिलते हैं.
यह घोषणा सोशल मीडिया कंपनी में हो रहे बड़े बदलावों के बीच आई है. मेटा कंपनी ने अपने मानव संसाधन विभाग की उपाध्यक्ष जनेल गेल द्वारा जारी एक आंतरिक नोट के अनुसार, कंपनी में काम करने वाले उन लोगों का समूह, जो विविधता, समानता और समावेशिता पर काम करता था, अब बंद कर दिया जाएगा.
इसके अलावा, कंपनी तीसरे पक्ष द्वारा की जाने वाली तथ्य जांच की जगह अब समुदाय द्वारा की जाने वाली जांच का इस्तेमाल करेगी. यह वही तरीका है जो एलन मस्क के एक्स प्लेटफॉर्म पर इस्तेमाल किया जाता है. इस फैसले की तथ्य जांच करने वाली संस्थाओं ने आलोचना की है. उन्होंने जुकरबर्ग को एक खुला पत्र लिखकर कहा है कि यह कंपनी के लिए "एक गलत कदम" है.