Meta, असली तस्वीरों को भी गलती से 'AI द्वारा बनाई गई' लेबल दे रही है, जैसा कि कई फोटोग्राफरों का दावा है. इनमें से एक तस्वीर कोलकाता नाइट राइडर्स की IPL 2024 की ट्रॉफी जीत के जश्न की है, जिसे AI जनरेटेड बता दिया गया है.
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फेसबुक की मालिक कंपनी Meta, असली तस्वीरों को भी गलती से 'AI द्वारा बनाई गई' लेबल दे रही है, जैसा कि कई फोटोग्राफरों का दावा है. इनमें से एक तस्वीर कोलकाता नाइट राइडर्स की IPL 2024 की ट्रॉफी जीत के जश्न की है, जिसे AI जनरेटेड बता दिया गया है. TechCrunch की रिपोर्ट के अनुसार, पूर्व व्हाइट हाउस के फोटोग्राफर पीट Souza ने बताया कि उनकी कुछ तस्वीरों को भी 'AI द्वारा बनाई गई' लेबल दिया गया है, जबकि उन्होंने सिर्फ फोटो को बेहतर बनाने के लिए एडिटिंग टूल्स का इस्तेमाल किया था.
एडॉब टूल बनी वजह
Souza का कहना है कि वो इस 'AI द्वारा बनाई गई' लेबल को हटा नहीं पा रहे हैं. उन्हें शक है कि शायद Adobe के क्रॉप करने वाले टूल और इमेज को छोटा करने वाले फीचर की वजह से Meta का सिस्टम कन्फ्यूज हो रहा है. गौर करने वाली बात ये है कि ये लेबल सिर्फ मोबाइल पर फोटो देखते वक्त ही दिखाई देता है.
ये गलती सिर्फ मामूली एडिटिंग टूल्स तक ही सीमित नहीं है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, कुछ फोटोग्राफरों ने छोटे बदलाव करने के लिए एडवांस टूल्स (जैसे Adobe's Generative Fill) इस्तेमाल किए, तब भी Meta ने उनकी असली तस्वीरों को 'AI द्वारा बनाई गई' बता दिया. फोटोग्राफर Noah Kalina ने Threads पर लिखा, ''अगर थोड़ा बहुत बदलाव करने वाली तस्वीरों को भी 'AI द्वारा बनाई गई' कहा जाता है, तो फिर इस टर्म का कोई मतलब ही नहीं रह जाता. अगर वाकई लोगों को बचाना है तो सीधे हर तस्वीर पर लिख दें 'ये असलियत नहीं है'.''
क्या कहा कंपनी ने?
Meta कंपनी इस गलती को मानती है और इसे सुधारने की कोशिश कर रही है. कंपनी की प्रवक्ता Kate McLaughlin का कहना है कि 'हम इंडस्ट्री स्टैंडर्ड इंडिकेटर्स पर निर्भर करते हैं, जो दूसरी कंपनियां अपने एडिटिंग टूल्स में इस्तेमाल करती हैं. इसलिए हम इन कंपनियों के साथ मिलकर इस प्रक्रिया को बेहतर बनाने का काम कर रहे हैं ताकि हमारी लेबलिंग सही हो.' उन्होंने आगे कहा कि 'हमारा मकसद हमेशा लोगों को ये बताना रहा है कि वो जो फोटो देख रहे हैं, उसे बनाने में AI का इस्तेमाल हुआ है या नहीं. हाल ही में मिली फीडबैक के आधार पर हम अपने तरीके को और बेहतर बना रहे हैं ताकि लेबल सही से बता सकें कि किसी तस्वीर को बनाने में कितना AI इस्तेमाल हुआ है.'