Mobile Bill Increases after Election: लोकसभा चुनाव के बाद लोगों की जेब पर असर पड़ सकता है. आम चुनाव के बाद फोन बिल में बढ़ोत्तरी हो सकती है. अनुमान है कि वृद्धि 15-17% तक हो सकती है. आइए आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं.
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Lok Sabha Election 2024: देश में जल्द ही लोक सभा चुनाव 2024 होने वाले हैं. 19 अप्रैल से शुरू होकर 1 जून तक आम चुनाव होंगे. इस बार देश भर में सात चरणों में चुनाव होंगे. इसके बाद 4 जून को मतगणना होगी. लोकसभा चुनाव के बाद लोगों की जेब पर असर पड़ सकता है. आपका स्मार्टफोन आपकी जेब ढीली कर सकता है. आम चुनाव के बाद फोन बिल में बढ़ोत्तरी हो सकती है. अनुमान है कि वृद्धि 15-17% तक हो सकती है. आज के समय में ज्यादातर लोग स्मार्टफोन का इस्तेमाल करते हैं. अपने दोस्तों और रिश्तेदारों से बात करने से लेकर लोग अपने प्रोफेशनल कामों के लिए भी मोबाइल का यूज सकते हैं. ऐसे में मोबाइल बिल में ये वृद्धि लोगों की जेब को झटका दे सकती है.
किस कंपनी को होगा सबसे ज्यादा फायदा
एंटीक स्टॉक ब्रेकिंग की एक रिपोर्ट के मुताबिक मोबाइल फोन बिल में बढ़ोत्तरी संभव है. इस वृद्धि से भारती एयरटेल को सबसे ज्यादा फायदा हो सकता है. भारती एयरटेल को भारत की जानी-मानी दूरसंचार कंपनी है. यह देश की सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनियों में से एक मानी जाती है. देश में भारती एयरटेल के करोड़ों की संख्या में यूजर्स हैं. आपको बता दें कि लंबे समय बाद मोबाइल फोन बिल में ये इजाफा किया जा रहा है. इससे पहले आखिरी बार साल 2021 के अंत में वृद्धि की गई थी. उस समय शुल्क में करीब 20 प्रतिशत का इजाफा किया गया था.
ब्रोकरेज नोट में दूरसंचार कंपनियों का खाका पेश किया गया. इस नोटमें बताया गया कि भारती एयरटेल का मौजूदा एवरेज रेवेन्यू पर यूजर (ARPU) 208 रुपये वित्त वर्ष है और यह साल 2026-27 के अंत तक 286 रुपये तक पहुंच सकता है. इसके साथ ही रिपोर्ट में कुछ और बातें भी कही गई है जैसे उम्मीद की जा रही है कि भारती एयरटेल का कस्टुमर बेस प्रति वर्ष करीब 2 प्रतिशत की दर से बढ़ सकता है. वहीं, बिजनेस में हर साल 1 प्रतिशत की वृद्धि होने की संभावना है.
बाजार हिस्सेदारी
भारती एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 29 प्रतिशत से बढ़कर करीब 33 प्रतिशत हो गई. जियो की बाजार हिस्सेदारी में भी इजाफा हुआ और यह 21 प्रतिशत से बढ़कर 39 प्रतिशत पहुंच गई. वोडाफोन आइडिया की बात करें तो उसकी बाजार हिस्सेदारी में गिरावट आई है. 2018 में इसकी बाजार में 37 प्रतिशत की हिस्सेदारी थी और दिसंबर 2023 में यह घटकर करीब आधी हो गई और 19 प्रतिशत रह गई.