तकनीक ने हमारे जीवन को जितना सरल बनाया है उतना ही मुश्किल भी बना दिया है. आज के समय में, मैलवेयर और साइबर क्राइम के मामले दिन पर दिन बढ़ते दिखाई दे रहे हैं. ऐसे में, अगर आप अपने स्मार्टफोन को मैलवेयर से सुरक्षित रखना चाहते हैं, तो इन आसान स्टेप्स को फॉलो करें..
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नई दिल्ली. आज लगभग हर किसी के हाथ में एक स्मार्टफोन है, उस स्मार्टफोन में इंटरनेट कनेक्शन है और सोशल मीडिया पर अकाउंट्स भी हैं. ऐसे में, साइबर क्राइम के बढ़ते मामले कोई अनूठी बात नहीं है. वायरस हमारे स्मार्टफोन्स में घुसकर घर बना लेते हैं और हैकर्स को हमारी इनफॉर्मेशन पास ऑन करते हैं और हमें इस बात की खबर तक नहीं होती है. ऐसे में, अपने स्मार्टफोन और अपने आप को सुरक्षित रखने के लिए हम आपके लिए कुछ ऐसे आसान टिप्स और ट्रिक्स लेकर आए हैं जिन्हें फॉलो करके आप आराम से साइबर क्राइम और मैलवेयर के मामलों से बच सकेंगे..
सबसे पहले हमें यह जानना चाहिए कि हमारे स्मार्टफोन का यह दुश्मन कौन होता है, जिस मैलवेयर की बात हम बार-बार करते हैं, वह क्या है. आपको बता दें कि सिस्को के मुताबिक मैलवेयर एक ऐसा इन्ट्रूसिव (दखल देने वाला) सॉफ्टवेयर है जिसे कंप्युटर्स और कंप्युटर सिस्टम्स को बर्बाद करने के लिए डिजाइन किया गया है. यह “मलिशियस सॉफ्टवेयर” का एक कॉन्ट्रैक्शन है और इसके कुछ प्रमुख उदाहरण वायरस, ट्रोजन वायरस, वर्म्स, स्पाइवेयर और रैन्समवेयर हैं.
अगर आपको जानना है कि आपका फोन सुरक्षित है या उसमें कोई वायरस घुस आया है तो इन आसान तरीकों से आप इस बात का पता लगा सकते हैं.
फोन गरम हो रहा है: अगर आप अपना फोन इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं और उसके बावजूद आपका फोन तप रहा है तो समझ जाइए कि आपके फोन को कोई हैकर गलत कामों के लिए इस्तेमाल कर रहा है. फोन आपके इस्तेमाल से नहीं बल्कि हैकर के इस्तेमाल से गरम हो सकता है.
डाटा बहुत जल्दी खत्म हो रहा है: अगर आपके फोन में इंटरनेट बहुत जल्दी खत्म हो रहा है, बिल बिना किसी मतलब बढ़ा हुआ आ रहा है या बैटरी बहुत जल्दी खत्म हो रही है, तो ऐसा मुमकिन है कि आपके फोन में वायरस हो.
फोन पर कई सारे ऐड्स: अगर आपके फोन पर आपको कई सारे बेमतलब के ऐड्स देखने को मिल रहे हैं तो सावधान हो जाएं, ऐसा हो सकता है कि इन ऐड्स के जरिए आपके फोन में मैलवेयर भी घुस सकता है.
आपके दोस्तों को आपके फोन से स्पैम मैसेज: यह सबसे खतरनाक है क्योंकि यहां आपका फोन मैलवेयर से इन्फेक्ट हो चुका है. यानी अगर आपके दोस्तों या रिश्तेदारों को आपके फोन से स्पैम मैसेज मिल रहे हैं तो इसका मतलब है कि आपके फोन में तो मैलवेयर है ही साथ ही इन मैसेज के जरिए आपके दोस्तों और रिश्तेदारों के फोन्स में भी यह मैलवेयर आसानी से घुस सकता है.
आपके फोन में कई सारी ऐसे एप्स भी हो सकती हैं जिन्हें आपने डाउनलोड न किया हो. अगर ऐसा हो, तो उन एप्स को तुरंत अनइंस्टॉल करना बेहतर है क्योंकि इनमें मैलवेयर के होने की संभावना है. हर कुछ समय पर अपने फोन के सभी एप्स पर एक नजर दौड़ाया कीजिए ताकी अगर कोई ऐसा एप है जो आपके हिसाब से जरूरत से ज्यादा इंटरनेट का उपयोग कर रहा है, उसे आप अपने फोन से हटा सकें. साथ ही, वो एप जिनको आप बहुत इस्तेमाल नहीं करते और प्ले स्टोर या एप स्टोर पर भी उन्हें अच्छे रिव्यूज नहीं मिले हैं, उन्हें भी आप हटा सकते हैं.
अगर हम कुछ ऐसा कर सकें कि मैलवेयर हमारे फोन में घुस ही न पाए, तो उससे अच्छा कुछ नहीं हो सकता है. ध्यान रहे, जो भी एप आप डाउनलोड करना चाहते हैं, उन्हें केवल आधिकारिक तरह से, गूगल प्ले स्टोर या एप स्टोर से ही डाउनलोड करें और वहां भी डाउनलोड करने से पहले एप को अच्छी तरह चेक जरूर करें. एप डाउनलोड होने के बाद कुछ पर्मिशन्स मांगता है, ध्यान रखिए कि आप उसे किन-किन बातों की पर्मिशन दे रहे हैं. एंटी-वायरस सॉफ्टवेयर एक बहुत अहम कदम है जिसे आपको अपने फोन की सुरक्षा के लिए उठाना ही चाहिए.
इसमें कोई शक नहीं है कि यह एक गंभीर मुद्दा है लेकिन अगर आप इन छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखेंगे तो आप भी अपने स्मार्टफोन को मैलवेयर से और खुद को साइबर क्राइम का शिकार होने से बचा पाएंगे.
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