किसी के नहीं रहने पर उसके गूगल डाटा का क्‍या होता है?
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किसी के नहीं रहने पर उसके गूगल डाटा का क्‍या होता है?

किसी व्यक्ति के मरने के बाद उसके गूगल या ऐपल के क्लाउड सर्विस पर सेव हुए डाटा का क्या होता होगा? आइए समझते हैं इसी के बारे में...

इनएक्टिव गूगल अकाउंट के डाटा का क्या होता होगा? (सांकेतिक तस्वीर)

नई दिल्ली: आजकल हर किसी की जान उसके मोबाइल में बसती है. सबको अपनी प्राइवेसी से प्यार है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि किसी इंसान के मरने के बाद उसके गूगल (Google) और ऐपल (Apple) के क्लाउड सर्विस (Cloud Service) पर सेव हुए डेटा का क्या होता होगा? दरअसल गूगल अपने यूजर्स के लिए इसका एक फीचर प्रदान करता है जिसमें हमें ये तय करने होता है कि हमारे अकाउंट को इनएक्टिव (Inactive) कब माना जाना चाहिए और इनएक्टिव होने के बाद हमारे डाटा के साथ क्या किया जाए. 

  1. इनएक्टिव गूगल अकाउंट के डाटा का क्या होता होगा?
  2. आप खुद तय कर सकते हैं, आपका अकाउंट एक्सेस किसे दिया जाए
  3. गूगल देता है मौत के बाद डाटा एक्सेस का फीचर

अपने डाटा का विकल्प तैयार करिए

अगर आप एक Android फोन यूजर हैं, तो निश्चित ही गूगल के पास आपका बहुत सारा डाटा मौजूद है. गूगल आपकी पसंद-नापसंद सब कुछ जानता है. सिर्फ इतना ही नहीं हो सकता है कि गूगल को आपकी बैंक कार्ड की डिटेल्स और पासवर्ड बगैरा भी पता हो. अब ऐसे में इन सभी संवेदनशील जानकारियों के लिए हमें अपने Google हमें ऑप्शन देता है कि हम अपना सारा डाटा किसी के साथ शेयर करना चाहें जो हमारे बाद इस पर ध्यान दे सके.

डाटा का क्या होगा?

पहले ऐसा होता है कि जब कोई व्यक्ति कई महीनों तक अपने Google अकाउंट का उपयोग नहीं करता है, तो वह अकाउंट अपने आप ही इनएक्टिव हो जाता है. हालांकि अब Google अब आपको यह तय करने का ऑप्शन देता है कि आपके अकाउंट को निष्क्रिय कब माना जाना चाहिए और उसके साथ क्या होना चाहिए और डाटा निष्क्रिय होने के बाद क्या करना चाहिए.

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कैसे शेयर करें अपना डाटा?

Google यूजर्स को एक विश्वसनीय व्यक्ति के साथ अकाउंट और उसका डेटा शेयर करने का ऑप्शन देता है या वे Google से ये भी कह सकते हैं कि खाता निष्क्रिय होने पर उस डाटा को हटा दिया जाए. एक अच्छा फीचर ये भी है कि Google यूजर को अकाउंट को निष्क्रिय मानने के लिए एडिशनल वेटिंग पीरियड निर्धारित करने की अनुमति देता है. जिसे कि यूजर्स अधिकतम 18 महीने तक चुन सकते हैं. आइए समझते हैं कि आप इस ऑप्शन का इस्तेमाल कैसे कर सकते हैं.

  • अपने डाटा को मैनेज करने के लिए आपको myaccount.google.com/inactive पर जाना होगा. अपना विकल्प चुनते वक्त इस बात का ध्यान रखें कि आप ऐसे ही व्यक्ति को चुनें जिस पर आपको पूरा भरोसा हो.
  • एक बार जब आप ऊपर दिए गए लिंक पर जाते हैं, तो आपको सबसे पहले इनएक्टिव, ईमेल आईडी, फोन नंबर और अन्य डिटेल्स के लिए वेटिंग पीरियड भरना होगा.
  • इसके बाद, Google आपको अधिकतम 10 लोगों को चुनने का विकल्प देगा, जिन्हें आप सूचित करना चाहते हैं जब आपका Google खाता निष्क्रिय हो जाता है और अब आप खाते का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं.

डाउनलोड करने का दीजिए एक्सेस

आप अपने कुछ डाटा का एक्सेस किसी और को देने के साथ उसे इस बात की भी अनुमति दे सकते हैं कि वो इसे डाउनलोड कर सके. इसके लिए एक विश्वसनीय ईमेल आईडी की आवश्यकता होती है. हालांकि गूगल यह ऑप्शन भी देता है कि आप किसी को भी अपने डाटा का एक्सेस न दें. इसके लिए आपको किसी भी ईमेल आईडी को लिखने की जरूरत नहीं है. इसका मतलब यह होगा कि आपका डाटा हटा दिया जाएगा और आपका खाता इनएक्टिव होने के बाद कोई भी इसे कभी भी रिस्टोर नहीं कर पाएगा.

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कितना एक्सेस दिया जा सकेगा?

आप अपने Google पे, Google फोटोज, Google चैट, लोकेशन हिस्ट्री, गूगल सर्च हिस्ट्री और बाकी उन सभी चीजों का एक्सेस दे सकते हैं जिनपर आपने कभी अपनी गूगल आईडी का इस्तेमाल किया हो. यहां गौर करने वाली बात ये है कि आप जिस व्यक्ति को अपने गूगल अकाउंट का एक्सेस देते हैं वो आपके Google अकाउंट के इनएक्टिव होने के बाद सिर्फ 3 महीने तक ही आपके अकाउंट को एक्सेस कर सकेगा.

Email भेजकर सचेत करेगा गूगल

जब आप Google पर सेटअप करेंगे तो आपको एक Subject line और कंटेंट लिखना होगा जो कि एक मेल के रूप में आपके उस विश्वसनीय कॉन्टैक्ट को भेजा जाएगा. Google का कहना है कि वह उस ईमेल में एक फुटेर जोड़ देगा, जो कि मेल रिसीव करने वाले को ये समझाएगा कि आपने अपने खाते का उपयोग बंद करने के बाद अपना एक्सेस उन्हें सौंपा है.

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