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नई दिल्ली: कोरोना वायरस (Coronavirus) महामारी के बीच 'वायरस पासपोर्ट' (Virus Passport) चर्चा में है. वैश्विक महामारी कोरोना वायरस ने दुनिया की रफ्तार को रोक दिया था. इसी बीच चीन (China) ने अपने अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए हेल्थ सर्टिफिकेट प्रोग्राम (Health Certificate Program) की शुरुआत कर दी है. आपको बता दें कि चीन ऐसा करने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है. यानी अब चीन में आने और यहां से बाहर जाने वालों के पास एक डिजिटल सर्टिफिकेट होगा, जो यूजर का वैक्सीन स्टेटस और टेस्ट के नतीजे बताएगा.
ये वायरस पासपोर्ट सर्टिफिकेट सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'वीचेट' के जरिए उपलब्ध रहेंगे. चीनी सरकार ने सोमवार से ही इसकी शुरुआत कर दी है. हालांकि, ये सर्टिफिकेट केवल चीनी नागरिकों के लिए ही उपलब्ध होगा. गौरतलब है कि डिजिटल फॉर्मेट के अलावा ये सर्टिफिकेट कागज के फॉर्म में भी रहेगा. इतना ही नहीं इसे दुनिया का पहला वायरस पासपोर्ट कहा जा रहा है. कई अन्य देश भी इस सर्टिफिकेट को लेकर विचार कर रहे हैं.
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अमेरिका (America) और ब्रिटेन (Britain) उन देशों में से हैं जो फिलहाल ऐसे पर्मिट को लागू करने के बारे में सोच रहे हैं. यूरोपियन संघ भी वैक्सीन 'ग्रीन पास' पर काम कर रहा है. इसके जरिए नागरिक संघ के सदस्य देश और दूसरे विदेश जा सकेंगे. न्यूज एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, चीन में शुरू हुए इस व्यवस्था में एक QR कोड शामिल होगा, जो सभी देशों को यात्री के स्वास्थ्य की जानकारी देगा. गौरतलब है कि चीन में घरेलू पासपोर्ट और दूसरी सार्वजनिक जगहों पर प्रवेश के लिए QR कोड अनिवार्य है.
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वर्ल्डोमीटर के आंकड़े बताते हैं कि चीन में कोरोना के अब तक 90 हजार से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं. इनमें से अब तक 4 हजार 636 मरीजों की मौत हो चुकी है. अमेरिका अब भी दुनिया का सबसे प्रभावित देश बना हुआ है. वहीं दुनियाभर में अब तक कोरोना वायरस के कुल 11 करोड़ 86 लाख 38 हजार 111 मामले दर्ज हो चुके हैं.
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