हरियाणा के कुरुक्षेत्र में ब्रह्म सरोवर...स्थानीय परंपरा के अनुसार, कभी इस जगह पर महाभारत युद्ध में जीत की याद दिलाते हुए एक टॉवर बना था जो धर्मराज युधिष्ठर ने बनवाया था. नवंबर-दिसंबर में यहां गीता जयंती महोत्सव मनाया जाता है.
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नई दिल्ली: हरियाणा के कुरुक्षेत्र में इस समय गीता जयंती महोत्सव चल रहा है. ये महोत्सव ब्रह्म सरोवर के तट पर हो रहा है. देश के टूरिज्म मिनिस्टर जी किशन रेड्डी मंगलवार को वहां पहुंचे और आरती में शामिल हुए.
ब्रह्म सरोवर के नाम से पता चलता है कि ये ब्रह्मांड के निर्माता भगवान ब्रह्मा से जुड़ा हुआ है. सूर्य ग्रहण के दौरान के पवित्र पानी में डुबकी लेना हजारों अश्वमेध यज्ञों के प्रदर्शन की योग्यता के बराबर माना जाता है.
आज शाम #गीताजयंती के इस पावन अवसर पर हरियाणा के ब्रह्म सरोवर पर आरती करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।
इस स्थान की आध्यात्मिक और धार्मिक प्रासंगिकता और यहां की जाने वाली आरती पूरी मानवता के लिए ईश्वरीय कृपा का स्रोत है। pic.twitter.com/PVhIoqE4tD
— G Kishan Reddy (@kishanreddybjp) December 14, 2021
स्थानीय परंपरा के मुताबिक, महाभारत युद्ध में पांडवों की जीत के प्रतीक के रूप में सरोवर के बीच में स्थित टापू पर युधिष्ठर द्वारा एक टॉवर बनाया गया था. उसी परिसर में एक प्राचीन द्रौपदी कूप है.
स्थानीय किंवदंतियों के अनुसार, इस तालाब को पहली बार कौरव और पांडवों के पूर्वजों राजा कुरु ने खुदवाया था. सूर्य ग्रहण के दौरान मुगल सम्राट अकबर के दरबारी अबुल-फजल ने इस सरोवर के विशाल जल निकाय को देखते हुए लघु सागर के रूप में बताया है.
सरोवर के उत्तरी तट पर स्थित भगवान शिव के मंदिर को सर्वेश्वर महादेव कहा जाता है. परंपरा के अनुसार, यहां भगवान ब्रह्मा द्वारा शिवलिंग स्थापित किया गया था. नवंबर-दिसंबर में ब्रह्म सरोवर के तट पर वार्षिक गीता जयंती समारोह आयोजित किया जाता है.
यह कुंड 1800 फीट लम्बा और 1400 फीट चौड़ा है. इस कुंड में स्नान करने के लिए सूर्य ग्रहण और गीता जयंती के दौरान काफी भीड़ होती है. नवंबर में गीता जंयती के दौरान और दिसंबर में दीपदान के समय, यहां प्रवासी पक्षी भारी संख्या में आते हैं.