Economic Survey: आने वाले सालों में बंपर नौकरियां मिलेंगी भारत में, जानिए सरकार का प्लान
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Economic Survey: आने वाले सालों में बंपर नौकरियां मिलेंगी भारत में, जानिए सरकार का प्लान

 छह साल के दौरान 2.62 करोड़ लोगों को नई नौकरी मिली है. 

Economic Survey: आने वाले सालों में बंपर नौकरियां मिलेंगी भारत में, जानिए सरकार का प्लान

नई दिल्ली: केंद्र सरकार का कहना है कि अगले दस सालों में 8 करोड़ से ज्यादा रोजगार (Jobs) दी जा सकती है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को आर्थिक सर्वेक्षण (Economic Survey) 2019-20 पेश किया है. मौजूदा आर्थिक परिस्थितियों के आधार पर कहा गया है कि वर्ष 2011-12  से 2017-18  के छह साल के दौरान 2.62 करोड़ लोगों को नई नौकरी मिली है. साथ ही अगले वित्त वर्ष (Financial Year) यानी 2020-21 में देश के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में ग्रोथ रेट 6 से 6.5 फीसदी के बीच रहेगी. 

मेक इंडिया पर भारत को है भरोसा
मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन द्वारा तैयार सर्वे में सरकार को 5 साल में 4 करोड़ रोजगार का चाइनीज फॉर्मूला दिया गया है. सर्वेक्षण में कहा गया है कि मेक इंडिया इंडिया अभियान में 'असेंबलिंग इन इंडिया फॉर वर्ल्ड' को शामिल करने से 2025 तक अच्छे वेतन वाले 4 करोड़ रोजगार और 2030 तक ऐसी 8 करोड़ नौकरियां दी जा सकती हैं. सरकार ने अपना लक्ष्य पूरी तरह से रोजगार में रहा है. रेगुलर वेज या सैलरी वाले कर्मचारियों का हिस्सा साल 2010-11 के 18 फीसदी के मुकाबले 2017-18  में बढ़कर 23 फीसदी तक पहुंच गया. इस दौरान कुल मिलाकर 2.62 करोड़ नई नौकरियां दी गईं. इसमें से 1.21 करोड़ नौकरियां ग्रामीण क्षेत्र में और 1.39 करोड़ नौकरियां शहरी क्षेत्र में मिली.

आर्थिक विकास दर को लेकर अनुमान है कि आने वाले वित्त वर्ष (2020-21) में जीडीपी ग्रोथ (GDP Growth rate) बढ़कर 6-6.5 फीसदी पहुंच सकती है. चालू वित्त वर्ष (2019-20) में ग्रोथ रेट 5% रहने का ही अनुमान है. 

बता दें, संसद के दोनों सदनों में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के संबोधन के पत्रों को और उसके बाद केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने आर्थिक सर्वेक्षण को सदन पटल पर रखा. इसके बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने सदन की कार्यवाही शनिवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी. शनिवार को वित्तमंत्री सीतारमण वर्ष 2020-2021 के लिए बजट पेश करेंगी. इस बजट (Budget 2020) का काफी इंतजार किया जा रहा है, क्योंकि देश आर्थिक सुस्ती के दौर से गुजर रहा है.

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