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How Often Should You Change Your Sheets: हममें से कई लोग रात में जल्दी सो नहीं पाते तो करवट बदलते रहते हैं. नतीजा, नींद पूरी नहीं होती इसके बाद पूरे दिन सुस्ती और आलस बना रहता है. कभी-कभार नींद ना आना आम है, लेकिन लगातार आपके साथ यह स्थिति बन रही है, तो जरूर सोचना चाहिए कि आखिर ऐसा क्यों हो रहा है. अमेरिकी संस्था रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (CDC) के मुताबिक करीब 7 करोड़ से ज्यादा अमेरिकी लोग नींद न आने की बीमारी से जूझ रहे हैं. कमोबेश दुनिया के कई देशों में ये समस्या गहराती जा रही है.
बिस्तर पर बिछी चादर को कितने दिनों तक बिछाकर रखना चाहिए. भारत में इस सवाल का जवाब अलग अलग लोगों के लिए अलग ही होगा. लेकिन ब्रिटेन (UK) में हुए एक सर्वे में जब ये सवाल पूछा गया तो लोगों के जवाब हैरान कर देने वाले और बेहद दिलचस्प भी. इस सर्वे में आधे से ज्यादा लोगों ने माना कि वो 4-4 महीने तक अपने बिस्तर की चादर नहीं बदलते हैं.
इसी तरह नेशनल स्लीप फ़ाउंडेशन (National Sleep Foundation) के एक सर्वेक्षण के मुताबिक साफ सफाई को पसंद करने वाले 91% लोग हर दूसरे सप्ताह अपनी चादर बदलते हैं. हालांकि अपने घर और आस-पास की सफाई रखना एक सामान्य प्रकिया है. इसको लेकर कोई खास नियम नहीं है. पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के स्वच्छ भारत अभियान (Swachh Bharat Mission) को इसी मुहिम से जोड़ कर देखा जा सकता है. भारत में स्वच्छता और साफ सफाई कोई काम नहीं बल्कि एक संस्कार की तरह माना जाता है. ऐसे में जब भी आपको कोई चीज गंदी दिखे फौरन उसकी सफाई कर देनी चाहिए.
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ऐसे में देश दुनिया के कई एक्सपर्ट हर हफ्ते बेडशीट को बदलने यानी उसकी साप्ताहिक धुलाई की सलाह देते हैं. ये हाइजीन के लिए बड़ा फैक्टर है. एक बड़ी वजह हमें आने वाला पसीना और शरीर के साथ चिपककर बाहर से आई धूल - धक्कड़, जर्म्स, गंदगी और बैक्टीरिया भी हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि चादरों में ऐसी गंदगी और बैक्टीरिया हो सकते हैं जिन्हें हम और आप नहीं देख सकते हैं. इसमें आपकी त्वचा की लाखों मृत कोशिकाएं और धूल के कण होते हैं. अगर आपको किसी तरह की एलर्जी या अस्थमा है तो भी समय समय पर आपको अपने बेड पर पड़ी चादरों को बदलते रहना चाहिए.
हेल्थलाइन डॉट कॉम में छपी रिपोर्ट के मुताबिक अगर आपके शरीर में कोई घाव है या आप किसी संक्रमण से पीड़ित हैं ऐसे में आपकी चादर या तकिए के संपर्क में आने वाला शख्स उसकी चपेट में आ सकता है. अगर आपको बहुत पसीना आता है तो भी आपको चादर बदलते रहना चाहिए. इसी तरह अगर आपका पालतू कुत्ता या बिल्ली आपके बिस्तर पर सोती है या आप बिस्तर पर ही खाना खा लेते हैं तो भी आपको मौका मिलते ही फौरन बेडशीट बदल देनी चाहिए. वहीं अगर आप बिना स्नान किए बिस्तर पर सो जाते हैं या फिर आप न्यूड होकर सोते हैं तो भी आपको समय समय पर अपनी चादर बदल लेनी चाहिए.
ऑफिस से घर लौटते वक्त, बस या ट्रेन से सफर करते समय आपके शरीर पर कई बैक्टीरिया चिपक जाते हैं और बाहर से आते ही बिस्तर पर लेटने से आपको त्वचा संक्रमण भी हो सकता है. इसलिए बाहर से घर लौटने के बाद नहाए बिना अपने बिस्तर पर न लेटें. इससे त्वचा का संक्रमण होने की आशंका कम हो जाती है. ध्यान रखें कि नहाए बिना बिस्तर पर लेटने से आपके शरीर के कीटाणु आपके साथ सो रहे व्यक्ति तक भी पहुंच सकते हैं.
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विशेषज्ञों के अनुसार अगर आप रोजाना सुबह अपनी बेडशीट को धूप में अच्छी तरह से सुखाते हैं तो आपको 2 हफ्ते में एक बार अपनी बेडशीट बदलनी चाहिए. दो हफ्ते से ज्यादा समय तक एक ही बेडशीट का इस्तेमाल होने से आपकी मुश्किलें बढ़ सकती हैं. इसी तरह अगर आप चादर बिछाने से उसे धूप में नहीं सुखाते हैं तो भी आपको हफ्ते में एक बार बेडशीट जरूर बदल देनी चाहिए.
सादे पानी से बेडशीट धोने से उस पर मौजूद बैक्टीरिया नहीं मरते हैं. इसलिए बेडशीट साफ करने के लिए गर्म पानी और अच्छे डिटर्जेंट का इस्तेमाल करें. इससे चादर पर मौजूद सभी बैक्टीरिया मर जाते हैं. ऐसी कुछ सावधानियों का ध्यान रखते हुए आप स्किन के इंफेक्शन से दूर होने के साथ अच्छी नींद का आनंद भी उठा सकेंगे.