एक सनसनीखेज दावे में अलकायदा का चरमपंथी और साजिशकर्ता जकारिया मोसावी ने कहा है कि सऊदी अरब के शीर्ष अधिकारियों जिसमें सऊदी शाही परिवार के कुछ सदस्य भी शामिल हैं, ने आतंकी संगठन अलकायदा को 9/11 हमले के लिए वित्तीय मदद दी थी।
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न्यूयॉर्क : एक सनसनीखेज दावे में अलकायदा का चरमपंथी और साजिशकर्ता जकारिया मोसावी ने कहा है कि सऊदी अरब के शीर्ष अधिकारियों जिसमें सऊदी शाही परिवार के कुछ सदस्य भी शामिल हैं, ने आतंकी संगठन अलकायदा को 9/11 हमले के लिए वित्तीय मदद दी थी।
जकारिया मोसावी जोकि एक फ्रांसीसी नागरिक है, ने यह दावा 9/11 हमले के पीडि़तों के वकीलों के सामने अक्टूबर महीने में एक गवाही के दौरान किया। इन लोगों ने सउदी के खिलाफ एक मुकदमा दायर किया है। हालांकि, सउदी अरब की ओर से इस मुकदमे को खत्म किए जाने के प्रयास किए जा रहे हैं। वहीं, इस हमले के पीडि़तों के वकीलों के दावा है कि उनके पास एक नया सबूत है, जिसमें सऊदी एजेंटों ने हाईजैकरों को 'सीधे तौर पर और जानबूझकर' मदद मुहैया करवाई।
Statement: Saudi embassy dismisses Moussaoui's allegations http://t.co/2qmdflvF2y
— Saudi Embassy (@SaudiEmbassyUSA) February 4, 2015
उधर, सऊदी अरब के दूतावास ने हालांकि मोसावी के दावे को खारिज किया है और उसे 'विक्षिप्त अपराधी' करार दिया है। साथ ही यह भी कहा है कि उसकी कोई विश्वसनीयता ही नहीं है।
अपनी गवाही में मोसावी ने कहा है कि उसने अलकायदा को दान देने वालों का एक डाटाबेस तैयार किया है, जिसमें सऊदी शाही परिवार के सदस्य शामिल हैं। जैसे पूर्व खुफिया चीफ प्रिंस टुर्की अल फैजल और प्रिंस बेंदर बिन सुलतान जोकि अमेरिका में साल 2005 तक 22 साल के लिए सऊदी के राजदूत रहे हैं।
बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, मोसावी ने कथित तौर पर कहा है कि प्रिंस टुर्की अल फैजल समेत सऊदी के शीर्ष अधिकारी 1990 से ही अलकायदा को मिलियन डॉलर की रकम दान में दे रहे हैं। मोसावी ने यह भी दावा किया है कि वह उस साजिश में शामिल था, जिसमें एक बोइंग 747 व्हाइट हाऊस में ले जाकर ब्लास्ट करना था। रिपोर्ट के अनुसार, उसने यह भी दावा किया कि उसे सऊदी के एक शीर्ष अधिकारी के साथ अमेरिका की यात्रा करनी थी और फिर एक ऐसे जगह की तलाश करना था जहां से एयरफोर्स वन पर स्टिंगर मिसाइल के जरिये हमला किया जा सके।
मोसावी ने अफगानिस्तान में अमेरिकी दूतावास में काम करने वाले सऊदी अधिकारियों से मुलाकात का भी दावा किया है। मोसावी के ये आरोप ऐसे समय सामने आए हैं जब सऊदी अरब और अमेरिका के संबंध नाजुक दौर से गुजर रहे हैं। गौर हो कि मोसावी को इमीग्रेशन नियमों के तहत अगस्त, 2001 में गिरफ्तार किया गया था। उस समय मिनिसोटा फ्लाइट स्कूल के कर्मचारियों ने यह सूचना दी थी कि वह (मोसावी) बिना किसी पायलट लाइसेंस के बोइंग 747 को उड़ाना सीखना चाहता है। उसे 11 सितंबर को हिरासत में लिया गया और फिर अप्रैल, 2005 में अमेरिकी नागरिकों को मारने के लिए हाईजैकरों के साथ साजिश करने के जुर्म में दोषी ठहराया गया। मोसावी फिलहाल अमेरिका की एक जेल में बंद है। मोसावी न्यूयॉर्क हमलों की साजिश रचने के अभियोग में कोलारेडो की जेल में बंद हैं।