लेकिन कहते हैं कि आवश्यकता ही आविष्कार की जननी है, और राजिंदर सिंह ने ये साबित भी किया.
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नई दिल्ली: यूके में भारतीय मूल के और सिख समुदाय से ताल्लुक रखने वाले 73 वर्षीय राजिंदर सिंह को दौड़ना बहुत पसंद है. कोरोना वायरस (Coronavirus) के चलते देश में लॉकडाउन की वजह से वो शुरू में इस बात को लेकर काफी चिंतित थे कि अब वो फिट कैसे रहेंगे और ब्रिटेन की मदद कैसे करेंगे.
वह हर सप्ताह शनिवार को पार्क में पूरे 5 किलोमीटर दौड़ा करते थे, लेकिन अब ऐसा कर नहीं पा रहे थे. लेकिन कहते हैं कि आवश्यकता ही आविष्कार की जननी है, और राजिंदर सिंह ने ये साबित भी किया. क्योंकि उन्होंने अपनी दोनों इच्छाओं को जोड़ दिया. राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (NHS) के कोरोना वायरस रिलीफ फंड में योगदान देने के लिए पैसे जुटाने का उद्देश्य लिए राजिंदर सिंह ने रस्सी कूदना शुरु कर दिया.
उन्होंने कहा कि यह शानदार है, कोई भी NHS के साथ तुलना नहीं कर सकता. मैं चाहता हूं कि बाकी देश भी NHS से सीखें. मैं उनका बहुत आभारी हूं, हमें उनकी मदद करने के लिए अपनी पूरी कोशिश करनी चाहिए. उनके स्किपिंग वीडियो इंटरनेट पर वायरल होने के बाद, उन्हें "स्किपिंग सिख" कहा जाने लगा है.
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ट्रेंडसेटर बनने के बावजूद भी, राजिंदर सिंह अपने रोजाना वर्कआउट के वीडियो ऑनलाइन पोस्ट करते रहे हैं, जिससे वो बाकी लोगों को लॉकडाउन के दौरान एक्टिव रहने के लिए प्रेरित कर सकें.
ये छोटे-छोटे वीडियो बनाकर राजिंदर सिंह अपने दो जुनून को एक साथ पूरे कर रहे हैं- खेल और दूसरों की मदद करना. उनका मकसद 'दूसरों और खुद की मदद करना' है. और उनका उद्देश्य सभी उम्र, धर्म और क्षमताओं वाले लोगों को कोरोना वायरस महामारी के दौरान फिट रहने के लिए प्रेरित करना और सिखाना है. उन्होंने दूसरों से भी इसी तरह के वीडियो पोस्ट करने का आग्रह किया है.
वह निश्चय कर चुके हैं कि वह दुनिया भर के लोगों को संकट के इस समय में राहत देने के लिए अपने सोशल मीडिया चैनलों पर वीडियो पोस्ट करते रहेंगे. राजिंदर सिंह 99 वर्षीय युद्ध के अनुभवी टॉम मूर से प्रेरित हैं, जिन्होंने अपने बगीचे के 100 चक्कर लगाकर NHS के लिए 23 मिलियन डॉलर इक्ट्ठा किए थे.
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