उत्तर कोरिया (North Korea) की गिनती एक तानाशाही राज से चलने वाले देश के तौर पर होती है. यहां के सख्त और अजीबोगरीब नियमों से तंग आ चुके लोग देश छोड़ कर भी नहीं जा सकते. यहां पर उस हर बात को बैन करने का चलन है, जिससे यहां के 'राजा' को परेशानी हो.
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नई दिल्ली: उत्तर कोरिया (North Korea) की गिनती एक तानाशाही राज से चलने वाले देश के तौर पर होती है. यहां के सख्त और अजीबोगरीब नियमों से तंग आ चुके लोग देश छोड़ कर भी नहीं जा सकते. यहां पर उस हर बात को बैन करने का चलन है, जिससे यहां के 'राजा' को परेशानी हो. उत्तर कोरियाई युवाओं पर पश्चिमी सभ्यता का असर न पड़े इसके लिए देश को जागीर बना चुके किम जोंग उन (Kim Jong Un) कुछ निश्चित हेयरस्टाइल रखने का फरमान सुनाने के साथ नीली जींस पहनने पर भी रोक लगा चुके हैं.
तानाशाह किम जोंग विदेशी फिल्में देखने पर भी बैन लगा चुके हैं. हालांकि ये अलग बात है कि उनके पिता किम-जोंग-इल को फिल्मों का बड़ा शौक था. वो अपने देश में फिल्में बनवा सकें, इसके लिए उन्होंने गलत और सही की परवाह नहीं की. देश की इंटरटेनमेंट इंडस्ट्री का नाम ऊंचा कराने की सनक में एक बार तो उन्होंने दक्षिण कोरिया की मशहूर एक्ट्रेस चोउ-अन-हि (Choi Eun-hee) को किडनैप कराने के साथ उनसे करीब दो सालों में 17 फिल्में बनवाईं. उन्हें घर की याद न आए इसलिए देश के पूर्व शाषक ने एक्ट्रेस के पति को उठवा लिया था.
न्यूज़ वेबसाइट स्क्रीन डेली में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक ये घटनाक्रम साल 1978 का है यानी 1970 के आखिरी दशक के उस दौर को साउथ कोरियन फिल्मों को गोल्डन ऐरा कहा जाता था. तब वहां एक से बढ़कर एक फिल्में बनाई जा रही थीं. चोउ-अन-हि उस दौर की टॉप एक्ट्रेस थीं. उनके पति Shin Jeong-gyun फिल्में बनाते थे. कुल मिलाकर ये सेलिब्रिटी कपल था. किम-जोंग-इल ने उन्हें धोखे से हांगकांग बुलाया. जिसे बिजनेस डील का नाम दिया गया था. ऐसे में एक अनजान खतरे से बेखबर एक्ट्रेस जब वहां पहुंची तो उन्हें एक नॉर्थ कोरियन एजेंट ने अगवा कर लिया. स्पीडबोट से वे उन्हें अपने राजा किम जोंग इल के पास लेकर गए. तब जाकर एक्ट्रेस को समझ आया कि हांगकांग में बिजनेस डील सिर्फ एक धोखा था ताकि उन्हें किडनैप किया जा सके.
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नॉर्थ कोरिया में उन्हें ऐसे रखा गया, जैसे वे अपहरण करके नहीं, बल्कि अपनी मर्जी से लाई गई हों. किम जोंग इल तस्वीरें खिंचवाते हुए एक्ट्रेस का हाथ पकड़कर कहते- हमारे देश आने के लिए शुक्रिया. इन बातों का जिक्र खुद अगवा की गई एक्ट्रेस ने एक डॉक्युमेंट्री- द लवर्स एंड द डिस्पॉट (The Lovers and the Despot) के दौरान किया.
साल 1986 में यूरोपियन फिल्म फेस्टिवल के दौरान किम ने दोनों को फेस्टिवल में नॉर्थ कोरिया का प्रतिनिधि बनाकर भेजा. जहां पर ये जोड़ा कड़े पहरे में रहता था. यहां तक कि उनके कमरों में भी गार्ड तैनात रहते थे. इसके बावजूद दोनों किसी तरह से बच निकले और किस्मत से उन्हें अमेरिका में शरण मिल गई. एक विदेशी डॉक्युमेंट्री के लिए दिए गए इंटरव्यू में कई साल बाद उस अभिनेत्री ने बताया कि 2 साल, 3 महीने यानी 27 महीने में दोनों ने कुल 17 फिल्में बनाईं. उस इंटरव्यू की बातें कई साल बाद दुनिया के सामने आ सकीं.
आपको बताते चलें कि इस मशहूर वेटरन एक्ट्रेस का निधन 91 साल की उम्र में 16 अप्रैल, 2018 को हुआ था.