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काबुल: तालिबान (Taliban) के आतंक से बचने के लिए अफगानिस्तान छोड़ने की आस में काबुल एयरपोर्ट (Kabul Airport) पहुंच रहे लोग भूख और प्यास से मर रहे हैं. हवाईअड्डे के बाहर खाने-पीने की वस्तुएं कई गुना ज्यादा दामों में बिक रही हैं. इतना ही नहीं, दुकानदार अफगानी करेंसी के बजाए डॉलर की मांग कर रहे हैं. हालांकि, अमेरिकी और ब्रिटिश सैनिक अफगानियों की मदद कर रहे हैं, लेकिन हर व्यक्ति तक खान-पानी पहुंचाना उनके लिए भी मुश्किल है.
काबुल एयरपोर्ट (Kabul Airport) के बाहर पानी की एक बोतल (Water Bottle) 40 डॉलर यानी करीब 3000 रुपये में बिक रही है. वहीं, एक प्लेट चावल (Plate of Rice) का भाव 100 डॉलर तक चला गया है, जो इंडियन करेंसी के हिसाब से करीब 7500 रुपये होते हैं. सबसे ज्यादा चौंकाने वाली बात ये है कि दुकानदार अफगानिस्तान की मुद्रा की जगह डॉलर में ही भुगतान की मांग कर रहे हैं.
अफगानिस्तान छोड़ने की आस लिए सैकड़ों लोग काबुल हवाईअड्डे पर मौजूद हैं. अब इन लोगों के लिए भूखे-प्यासे मरने की नौबत आ गई है. वे बिना कुछ खाए-पीये धूप में खड़े होने को मजबूर हैं और इस वजह से बेहोश होकर गिर रहे हैं. इसके बावजूद तालिबानी उनकी मदद करने के बजाए उनसे मारपीट कर रहे हैं. इस मुश्किल वक्त में अमेरिकी और ब्रिटिश सैनिक अफगानियों की मदद कर रहे हैं. सैनिक एयरपोर्ट के पास अस्थाई घर बनाकर रहने वालों को पानी की बोतल और खाना दे रहे हैं. इसके अलावा सैनिक अफगानिस्तान के छोटे बच्चों को चिप्स के पैकेट बांटते हुए भी देखे जा सकते हैं.
जानकारी के अनुसार, अमेरिका ने पिछले दस दिनों में 70,700 लोगों को अफगानिस्तान से बाहर निकाला है. इसके बावजूद बड़ी संख्या में अफगानी अब भी काबुल एयरपोर्ट पर फंसे हुए हैं. बताया जा रहा है कि अफगानिस्तान के 2.5 लाख लोगों को तालिबान से सबसे ज्यादा खतरा है, जिनमें से सिर्फ 60 हजार लोग ही उसके चंगुल से बच पाए हैं. तालिबान ने विदेशी सैनिकों को 31 अगस्त तक काबुल छोड़ने का फरमान सुनाया है. ऐसे में चंद दिनों में करीब 2 लाख लोगों को वहां से निकालना मुश्किल है.
एयरपोर्ट के अंदर भले ही अमेरिका और ब्रिटेन के सैनिक हैं, लेकिन उसे बाहर से तालिबान के घेर लिया है. हवाईअड्डे के रास्ते पर भी तालिबानी लड़ाके मौजूद हैं. वो लोगों को एयरपोर्ट पहुंचने से रोक रहे हैं और जो लोग वहां पहुंच चुके हैं उन्हें भी धमकाया जा रहा है. आतंकी लोगों से यह भी कह रहे हैं कि अमेरिका से मदद लेकर कौम को क्यों बदनाम कर रहे हो? बता दें कि अफगानिस्तान पर कब्जे के साथ ही तालिबानी क्रूरता के किस्से हर रोज सामने आ रहे हैं. खासतौर पर महिलाओं और बच्चों को तालिबानी ज्यादा प्रताड़ित कर रहे हैं.
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