Chandrayaan-3: यह नाकामी ऐसे समय में आई है जब दुनिया भर में भारत की चंद्रयान-3 को सफलतापूर्व चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतारने के लिए वाहवाही हो रही हैं. भारत की इस कामयाबी से पहले रूस का लूना-25 चांद की सतह पर उतरते समय क्रैश हो गया.
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Japan News: जापान की अंतरिक्ष एजेंसी ने खराब मौसम के कारण सोमवार को अपने 'मून स्नाइपर' चंद्र मिशन का प्रक्षेपण तीसरी बार स्थगित कर दिया. जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी (JAXA) ने मिशन की शुरुआत के लिए कोई नई तारीख नहीं दी.
एएफपी के मुताबिक रॉकेट के सह-डेवलपर एमएचआई लॉन्च सर्विसेज ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा कि मिशन को बंद कर दिया गया ‘क्योंकि यह पुष्टि की गई थी कि ऊपरी हवा लॉन्च के समय अनुकूल नहीं थी.’
चंद्रयान-3 की कामयाबी
जापान के अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए यह एक बड़ा झटका है. यह नाकामी ऐसे समय में आई है जब दुनिया भर में भारत की चंद्रयान-3 को सफलतापूर्व चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतारने के लिए वाहवाही हो रही हैं.
बता दें इससे पहले, केवल संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस और चीन ही चंद्रमा की सतह पर अंतरिक्ष यान भेजने में कामयाब रहे थे, और दक्षिणी ध्रुव पर कोई भी नहीं.
भारत की इस कामयाबी से तीन दिन पहले रूस का लूना-25 चांद की सतह पर उतरते समय क्रैश हो गया.
जापान की तीसरी नाकामी
यह तीसरी बार है जब जापान को मून मिशन में नाकामयाबी हाथ लगी. पिछले साल नासा के आर्टेमिस 1 पर ओमोटेनाशी नामक एक चंद्र प्रोब को उतारने का प्रयास किया गया, लेकिन मिशन नाकाम रहा.
अप्रैल में, जापानी स्टार्ट-अप आईस्पेस चंद्रमा पर उतरने वाली पहली निजी कंपनी बनने के महत्वाकांक्षी प्रयास में विफल रही, जिसे फर्म ने ‘हार्ड लैंडिंग’ कहा था.
इस मिशन को ‘मून स्नाइपर’ इसलिए नाम दिया गया था क्योंकि JAXA का लक्ष्य इसे चंद्रमा पर एक विशिष्ट टारगेट के 100 मीटर (330 फीट) के भीतर उतारना है, जो कई किलोमीटर की सामान्य सीमा से बहुत कम है।
रॉकेट लॉन्च में भी समस्या
जापान को रॉकेट लॉन्च करने में भी समस्याओं का सामना करना पड़ाह है. मार्च में अगली पीढ़ी के H3 मॉडल और पिछले अक्टूबर में सामान्य रूप से विश्वसनीय ठोस-ईंधन एप्सिलॉन के लॉन्च विफलता हाथ लगी थी.