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काबुल: अफगानिस्तान की सरजमीं से अमेरिकी सैनिक वापस आ जाने को तैयार हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन इसकी घोषणा कर चुके हैं. लेकिन इस बीच अल कायदा ने धमकी भरे लहजे में कहा है कि भले ही अमेरिका की अगुवाई में विदेशी सैनिक अफगानिस्तान से जा रहे हों, लेकिन उसकी नजर में 'जंग अभी खत्म नहीं हुई.' बता दें कि अल कायदा चीफ ओसामा बिन लादेन को अमेरिका ने अब से ठीक 10 साल पहले मार गिराया था. लादेन के मारे जाने की 10वीं बरसी पर अल कायदा ने ये बयान जारी किया.
अल कायदा ने कहा कि जल्द ही अमेरिकी फौजी दुनिया के बाकी इस्लामिक देशों की धरती से निकाल दिये जाएंगे. अल कायदा ने खुद को तालीबान और अमेरिका के बीच हुए समझौते से खुद को अलग कर लिया है और कहा है कि उसका अमेरिका के साथ युद्ध चलता ही रहेगा. अल कायदा के दो कमांडरों ने सीएनएन को दिये इंटरव्यू में कहा कि अमेरिका के साथ लड़ाई हर फ्रंट पर चलती रहेगी. ये लड़ाई तब तक चलेगी, जब तक अमेरिका बाकी इस्लामिक देशों की धरती से निकाल कर बाहर नहीं फेंक दिया जाता. अल कायदा के इस बयान के बाद माना जा रहा है कि अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों के निकलते ही एक बार फिर से अल कायदा वहां ताकतवर हो सकता है.
अल कायदा ने कहा कि अमेरिका हमारे अफगान भाइयों के लिए समस्या नहीं है. लेकिन अफगानिस्तान में अब अमेरिका हार चुका है. चाहे वो रिपब्लिकन हों या डेमोक्रेट्स, दोनों ने ही अफगानिस्तान से वापस जाने का फैसला कर लिया है. अल कायदा ने तालीबान की भी तारीफ की और कहा कि तालीबान ने अफगानिस्तान की धरती को विदेशियों के हाथों में जाने से बचा लिया. अल कायदा के कमांडरों की बातचीत को देखें तो इस बात की तरफ भी इशारा मिल रहा है कि तालीबान अमेरिका के साथ धोखा कर सकती है और बातचीत की शर्तों का उल्लंघन भी कर सकता है. और वो अफगानिस्तान की धरती को एक बार फिर से इस्लामिक आतंकवाद का प्रमुख केंद्र बना सकता है. जिसमें वो आतंकवादी संगठनों को फलने फूलने के लिए जमीन उपलब्ध करवा सकता है.