अमेरिका ने दक्षिण एशियाई देशों के लिए उपग्रह प्रक्षेपित करने की भारत की योजना का स्वागत किया है। इस उपग्रह का उद्देश्य क्षेत्र में सूचना साझा करने के तंत्र और संपर्क को विस्तार देना है। इस संदर्भ में घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेपाल में हुए पिछले दक्षेस सम्मेलन के दौरान कर दी थी। भारत और अमेरिका की रणनीतिक एवं व्यवसायिक वार्ता के समापन के बाद जारी साझा बयान में कहा गया कि अमेरिका ने दक्षिण एशियाई देशों में सूचना साझा करने और संपर्क को विस्तार देने के लिए दक्षेस देशों के एक उपग्रह प्रक्षेपित करने की भारत की योजना की सराहना की है।
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वॉशिंगटन: अमेरिका ने दक्षिण एशियाई देशों के लिए उपग्रह प्रक्षेपित करने की भारत की योजना का स्वागत किया है। इस उपग्रह का उद्देश्य क्षेत्र में सूचना साझा करने के तंत्र और संपर्क को विस्तार देना है। इस संदर्भ में घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेपाल में हुए पिछले दक्षेस सम्मेलन के दौरान कर दी थी। भारत और अमेरिका की रणनीतिक एवं व्यवसायिक वार्ता के समापन के बाद जारी साझा बयान में कहा गया कि अमेरिका ने दक्षिण एशियाई देशों में सूचना साझा करने और संपर्क को विस्तार देने के लिए दक्षेस देशों के एक उपग्रह प्रक्षेपित करने की भारत की योजना की सराहना की है।
इस संदर्भ में, दोनों देशों ने भारत-अमेरिका तकनीकी सुरक्षा समझौते का नवीकरण किया ताकि भारतीय अंतरिक्ष प्रक्षेपण वाहनों से अमेरिकी उपग्रहों के अंशों का प्रक्षेपण किया जा सके। भारत के अलावा दक्षेस के अन्य सदस्य देशों में बांग्लादेश, भूटान, नेपाल, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, मालदीव और श्रीलंका शामिल हैं।साइबर मामलों में, अमेरिका और भारत ने इंटरनेट संचालन की एक मुक्त, समावेशी, पारदर्शी और बहुपक्षीय व्यवस्था का समर्थन किया। दोनों देशों ने साइबर सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए, साइबर अपराधों पर काबू पाने के लिए और साइबर क्षेत्र में सरकार के जिम्मेदार व्यवहार की शर्तों को बढ़ावा देने के लिए एकसाथ काम करने की योजना बनाई। भारत और अमेरिका के बीच तकनीकी, कानून प्रवर्तन, साइबर अनुसंधान एवं विकास और क्षमता निर्माण में सहयोग में सुधार लाने के लिए सहमति बनी।
अमेरिका-भारत साइबर वार्ता की बहाली की सराहना करते हुए दोनों देशों ने इंटरनेट एवं साइबर मामलों पर सहयोग को बढ़ावा देने के लिए और डिजीटल इंडिया की पहल के लक्ष्यों की पूर्ति में योगदान देने के लिए ट्रैक 1.5 कार्यक्रम का संचालन करने के फैसले का स्वागत किया।