ओमिक्रोन की आफत के बीच एक और रहस्यमयी बीमारी ने दी दस्तक, 89 लोगों की मौत
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ओमिक्रोन की आफत के बीच एक और रहस्यमयी बीमारी ने दी दस्तक, 89 लोगों की मौत

कोरोना के बढ़ते खतरे के बीच अफ्रीका से एक और खौफनाक खबर सामने आई है. यहां  एक रहस्यमयी बीमारी फैल गई है, जिसकी चपेट में आकर अब तक 89 लोगों की मौत हो चुकी है. मामले की गंभीरता को समझते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अपनी एक टीम वहां भेजी है.

फाइल फोटो

जुबा: कोरोना वायरस (Coronavirus) के नए वैरिएंट के खतरे के बीच अफ्रीका में एक रहस्यमयी बीमारी (Mysterious Disease) के फैलने की बात सामने आई है. इस बीमारी से दक्षिण सूडान के जोंगलेई राज्य के उत्तरी शहर फांगक में कई लोगों की मौत हो चुकी है. इस खबर ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की चिंता बढ़ा दी है. अब WHO ने पीड़ित लोगों के नमूने इकट्ठा करने के लिए वैज्ञानिकों की एक रैपिड रिस्पॉन्स टीम वहां भेजी है.

  1. दक्षिण सूडान के जोंगलेई राज्य में सामने आए मामले
  2. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भेजी रैपिड रिस्पॉन्स टीम
  3. कोरोना के नए वैरिएंट ने पहले ही कर रखा है परेशान

बाढ़ से पहले ही बेहाल हैं हाल

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की एक अधिकारी ने बीबीसी को बताया कि जोखिम का पता लगाने और जांच करने के लिए एक रैपिड रिस्पॉन्स टीम भेजी गई है. यह टीम लोगों से सैंपल इकट्ठा करेगी. फिलहाल हमें जो आंकड़ा मिला है, उसके अनुसार 89 मौतें हो चुकी हैं. बीमारी से प्रभावित क्षेत्र हाल ही में आई भीषण बाढ़ से सबसे बुरी तरह प्रभावित इलाकों में से एक है. उन्होंने कहा कि वैज्ञानिकों के समूह को इस वजह से हेलीकॉप्टर के माध्यम से प्रवेश करना पड़ा. 

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कुपोषण का शिकार हो रहे बच्चे  

सूडान के भूमि, आवास और सार्वजनिक उपयोगिता मंत्री लैम तुंगवार कुइगवोंग के अनुसार, जोंगलेई की सीमा से लगे राज्य में भयंकर बाढ़ ने मलेरिया जैसी बीमारियों के प्रसार को बढ़ावा दिया है. खाने के कमी के कारण बच्चे कुपोषण का शिकार हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि यहां तेल से पानी दूषित हो गया है, जिससे पालतू जानवरों की भी मौत हुई है. दक्षिण सूडान के उत्तर में आई बाढ़ इस क्षेत्र के लोगों के लिए विनाशकारी साबित हुई है.

बाढ़ से लाखों लोग प्रभावित

संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी यूएनएचसीआर ने कहा कि देश में लगभग 60 वर्षों में आई सबसे भीषण बाढ़ से लाखों लोग प्रभावित हुए हैं, जिसके लिए जलवायु परिवर्तन को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है. इस क्षेत्र में काम करने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था मेडेकिन्स सैन्स फ्रंटियरेस (एमएसएफ) ने कहा कि बाढ़ के कारण पैदा हुई अराजकता अब स्वास्थ्य सुविधाओं पर दबाव बढ़ा रही है. बता दें कि इस वक्त दुनिया कोरोना के नए वैरिएंट का सामना कर रही है और संक्रमण के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं.

 

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