इंडोनेशिया में फिर 5.9 तीव्रता का भूकंप, 800 से अधिक हो चुकी हैं मौतें
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इंडोनेशिया में फिर 5.9 तीव्रता का भूकंप, 800 से अधिक हो चुकी हैं मौतें

भूकंप का केन्द्र सुंबा से करीब 40 किलोमीटर की दूरी पर जमीन से 10 किलोमीटर की नीचे गहराई में केंद्रित था. सुंबा द्वीप में करीब 750,000 लोग रहते हैं.

(फाइल फोटो)

जकार्ता : इंडोनेशिया के सुंबा द्वीप के दक्षिणी तट पर मंगलवार सुबह में 5.9 तीव्रता का भूकंप आया. अमेरिकी भूगर्भीय सर्वेक्षण (यूएसजीएस) ने यह जानकारी दी. भूकंप का केन्द्र सुंबा से करीब 40 किलोमीटर की दूरी पर जमीन से 10 किलोमीटर की नीचे गहराई में केंद्रित था. सुंबा द्वीप में करीब 750,000 लोग रहते हैं.

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सुंबा सुलावेसी द्वीप के 1,600 किलोमीटर दक्षिण में स्थित है. सुलावेसी में शुक्रवार को भूकंप और सूनामी आने से 800 से अधिक लोग मारे गए थे.  पालू में इंडोनेशियाई बचावकर्मियों ने शुक्रवार को सुलावेसी में आए भूकंप के बाद एक चर्च में भूस्खलन में मारे गए 34 छात्रों के शव बरामद किए. एक स्थानीय अधिकारी ने यह जानकारी दी.

इंडोनेशिया की रेड क्रॉस की प्रवक्ता औलिया अरियानी ने एएफपी को मंगलवार को बताया कि बचाव दल को कुल 34 शव मिले हैं. सिगी बिरोमारू जिले के जोनोंग चर्च ट्रेनिंग सेंटर के एक बाइबल कैंप से 86 छात्रों के लापता होने की खबर थी.

अरियानी ने बताया कि बचावकर्मियों को शवों को निकालने के लिए कीचड़ भरे कठिन रास्ते से गुजरना पड़ा और शवों को एंबुलेंस तक पहुंचाने के लिए करीब डेढ़ घंटे तक पैदल चलना पड़ा. शुक्रवार की शाम में आए भूकंप और सुनामी से मध्य सुलावेसी तबाह हो गया है. समुद्र के किनारे स्थित शहर में आई सुनामी से यहां की सड़कें, इमारतें, पेड़-पौधे सब बह गए. अभी तक कम से कम 844 लोगों के मरने की खबर है. लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि दूर-दराज के क्षेत्रों तक बचाव दलों के पहुंचने के बाद मरनेवालों की संख्या बढ़ सकती है.

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इंडोनेशिया की सेना बचाव कार्य में जुटी हुई है, लेकिन देश के राष्ट्रपति ने अंतरराष्ट्रीय मदद की गुहार लगाई है. यहां कई गैर-सरकारी संगठन कार्य में जुटे हुए हैं. यूनाइटेड नेशन्स ऑफिस फॉर द कॉर्डिनेशन ऑफ ह्यूमेनिटेरियन अफेयर्स ने सोमवार को आगाह किया कि करीब 191,000 लोगों को तत्काल मदद की जरूरत है, जिनमें से 46,000 बच्चे और 14,000 बूढ़े हैं.

कई ऐसे क्षेत्र अब भी हैं जो सरकार के बचाव प्रयासों के केंद्र में नहीं हैं. मलबे में अब भी शवों के होने की आशंका है। प्रशासन के लिए यह चिंता का विषय है क्योंकि इंडोनेशिया की गर्म जलवायु में शव तेजी से सड़ने लगते हैं जिससे घातक बीमारियां फैल सकती है.

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