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काबुल: अफगानिस्तान के नए तालिबान शासकों ने कभी महिला मामलों का मंत्रालय रहे एक भवन से शनिवार को वर्ल्ड बैंक के कार्यक्रम के कर्मचारियों को जबरन बाहर कर दिया. अब इस भवन में तालिबानी लोग ‘सदाचार प्रचार एवं अवगुण रोकथाम’ मंत्रालय स्थापित कर रहे हैं.
काबुल पर कब्जे के बाद सरकार में आने के महज एक महीने बाद तालिबान ने महिलाओं के अधिकारों पर पाबंदी लगाने वाला यह एक और नया कदम उठाया है. तालिबान ने 1990 के दशक में अपने शासनकाल के दौरान बालिकाओं और महिलाओं को शिक्षा के अधिकार से वंचित कर दिया था और उनके सार्वजनिक जीवन पर पाबंदी लगा दी थी.
काबुल में महिला मामलों के मंत्रालय के बाहर उस वक्त एक नया घटनाक्रम दिखा, जब यह घोषणा की गई कि यह अब ‘उपदेश और मार्गदर्शन तथा सदगुण प्रचार एवं अवगुण रोकथाम मंत्रालय’ होगा. बताते चलें कि वर्ल्ड बैंक के 10 करोड़ डॉलर के महिला आर्थिक सशक्तीकरण एवं ग्रामीण विकास कार्यक्रम को शनिवार को जमीनी स्तर पर बंद कर दिया गया. कार्यक्रम के सदस्य शरीफ अख्तर ने यह जानकारी दी. शरीफ अख्तर खुद हटाए जा रहे लोगों में शामिल हैं.
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अफगान वीमेंस नेटवर्क (Afghan Women's Network) की अगुआई करने वाली मबौबा सुराज ने कहा कि वह महिलाओं और बालिकाओं को पाबंद करने वाले तालिबान सरकार के आदेशों से बेसुध हैं. इस बीच, तालिबान के शिक्षा मंत्रालय ने छठी से 12 वीं क्लास के लड़कों को अपने पुरुष शिक्षकों के साथ शनिवार से स्कूल आने को कहा, लेकिन इन कक्षाओं में स्कूल आने वाली लड़कियों का कोई जिक्र नहीं किया गया. इससे पहले, उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा था कि लड़कियों को समान रूप से शिक्षा हासिल करने का अधिकार दिया जाएगा.
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