आर्कियोलॉजिस्ट को मिली रोमन दौर की ये जगह, मनोरंजन के लिए होता था इस्तेमाल
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आर्कियोलॉजिस्ट को मिली रोमन दौर की ये जगह, मनोरंजन के लिए होता था इस्तेमाल

लंदन में आर्कियोलॉजिस्ट ने रोमन साम्राज्य दौर के डिजाइन वाले फर्श (मोजेक) को खोज निकाला है. इसमें रंगीन फूलों के साथ आश्चर्यजनक ज्यामितीय पैटर्न बने हुए हैं. बताया जा रहा है कि यह एक होटल के डाइनिंग रूम का हिस्सा रहा होगा. 

 

फोटो क्रेडिट-डेली मेल

लंदनः दुनिया में काफी ऐसे राज हैं, जिनका खुलासा होना बाकी है. हालांकि, वैज्ञानिक व पुरातत्वविद (आर्कियोलॉजिस्ट) दुनिया में दफन राज को ढूंढने के लिए दिन-रात जुटे रहते हैं. ऐसे ही रोमन साम्राज्य के दौर के एक डिजाइन वाले फर्श (मोजेक) को आर्कियोलॉजिस्ट ने खोज निकाला है. इसमें रंगीन फूलों के साथ आश्चर्यजनक पैटर्न बने हुए हैं.

  1. लंदन में मिला रोमन दौर के होटल का फर्श
  2. रंगीन फूलों व पैटर्न से की गई है चित्रकारी
  3. लंदन में पिछले 50 वर्ष में आर्कियोलॉजिस्ट की सबसे बड़ी खोज

पिछले 50 वर्ष के दौरान सबसे बड़ी खोज

विशेषज्ञों के अनुसार, लंदन में पाया गया यह मोजेक पिछले 50 वर्षों के दौरान इस तरह का सबसे बड़ा है. बताया जा रहा है कि यह कभी रोमन डाइनिंग रूम (मैन्सियो) का फर्श रहा होगा. उस दौर में मैन्सियो एक तरह का होटल होता था, जो लंदन से आने-जाने वाले लोगों के लिए रहने, अस्तबल और भोजन की सुविधा प्रदान करता था

होटल के लिए तैयार किया गया था मोजेक

विशेषज्ञों का कहना है कि यह मैन्सियो संभवतः रोमन लोंडिनियम के बाहरी इलाके में स्थित था, जो टेम्स नदी के उत्तरी तट पर केंद्रित एक क्षेत्र था और आधुनिक शहर लंदन के समान था. यह खोज लंदन पुरातत्व संग्रहालय (MOLA) के आर्कियोलॉजिस्ट ने एक नए सांस्कृतिक क्वार्टर के निर्माण से पहले खुदाई के दौरान की. हालांकि, इस जगह को अभी आम जनता से दूर रखा गया है. इसको लेकर विशेषज्ञों ने एक इंटरैक्टिव 3D मॉडल बनाया है, जो मोजेक के बारे में काफी सारी जानकारी देता है. विशेषज्ञों का कहना है कि इस खोज को ध्यान से रिकॉर्ड किया जाएगा और संरक्षकों की एक विशेषज्ञ टीम द्वारा विश्लेषण किया जाएगा. इस मोजेक को किसी अन्य जगह पर ले जाया जाएगा, जहां इस पर संरक्षण कार्य हो सके.

मोजेक में मिले 2 पैनल

MOLA साइट के सुपरवाइजर एंटोनिएटा लेर्ज ने कहा कि लंदन में की गई ये अब तक की काफी बड़ी खोज है. इतनी बड़ी साइट पर काम करना मेरे लिए सौभाग्य की बात रही है, जब खुदाई के दौरान रोमन दौर का यह डिजाइन मिट्टी से उभरने लगा. उस वक्त साइट पर मौजूद सभी लोग काफी उत्साहित हो गए थे. पूरा मोजेक सजाए गए 2 पैनल से बना है. इनमें से एक बड़ा है, जबकि, दूसका थोड़ा छोटा. हालांकि दोनों पूरे नहीं बने हैं.

मोजेक में बने हुए हैं पैटर्न

दोनों छोटे व रंगीन टाइलों से बने हैं, जो एक लाल 'टेसेलेटेड' फर्श में बने हुए हैं. सबसे बड़ा पैनल बड़े और रंग-बिरंगे फूलों को दिखाता है, जो आपस में जुड़े हुए धागों के बैंड से घिरे होते हैं. इसमें कमल के फूल और कई तरह के रेखाचित्र बने हुए हैं. इसमें एक पैटर्न भी शामिल है, जिसे सुलैमान की गांठ के रूप में जाना जाता है.

एकैन्थस ग्रुप ने किया मोजेक को तैयार

पूर्व आर्कियोलॉजिस्ट डॉ. डेविड नील और रोमन मोजेक के अग्रणी विशेषज्ञ का कहना है कि इस डिजाइन को 'एकैन्थस ग्रुप' द्वारा तैयार किया गया है. यह लंदन में काम करने वाली मोजेकिस्ट की एक टीम थी, जो यहां पर अपनी अनूठी स्थानीय शैली विकसित करना चाहते थे. इस तरह का एक मोजेक जर्मनी के ट्रायर में पाया गया है. इससे पता चलता है कि मोजेकिस्ट दोनों जगहों पर काम कर रहे थे. खोज में मिले मोजेक के दोनों पैनल से एक बड़े कमरे का निर्माण किया गया था, जिसे डाइनिंग रूम (भोजन कक्ष) कहा जा सकता था. इसे रोमन भाषा में 'ट्रिकलिनियम' कहा जाता था.

लोग उठाते थे खाने-पीने का आनंद

इसमें डाइनिंग हॉल में सोफे लगे होते थे, जहां पर लोग खाने और पीने का लुत्फ उठाते हुए सुंदर फर्श को देखते थे. साइट पर रंगीन दीवारों के प्लास्टर के टुकड़े पाए गए हैं, जिससे पता चलता है कि इस कमरे की दीवारों को चमकीले रंग से रंगा गया था. बताया जा रहा है कि सबसे बड़ा मोजेक पैनल दूसरी शताब्दी से तीसरी शताब्दी के बीच का हो सकता है. वहीं, इस कमरे का काफी लंबे समय तक उपयोग किया गया था. बता दें कि खोजे गए मोजेक के नीचे एक पुराने मोजेक के निशान की पहचान की गई है. इससे पता चलता है कि कमरे को दोबारा से तैयार किया गया था.

अधिकारी करते थे इसका उपयोग

वहीं, इस डाइनिंग रूम के आकार और भव्य सजावट को देखते हुए यह माना जा रहा है कि केवल उच्च अधिकारी और उनके मेहमान ही इस स्थान का उपयोग करते होंगे. वर्तमान निष्कर्ष बताते हैं कि यह एक बहुत बड़ा परिसर था, जिसमें एक सेंट्रल हॉल के आसपास कई कमरे और गलियारे थे. यह नदी के पार बनाया गया था, जो शहर में ले जाता था और यह लंदन को दक्षिण-पूर्वी ब्रिटेन के अन्य महत्वपूर्ण केंद्रों से जोड़ने वाली मुख्य सड़क से दूर नहीं था, जिसमें कैंटरबरी और डोवर के क्रॉस-चैनल बंदरगाह भी शामिल थे.

उस दौर के लोग थे काफी अमीर

इस प्रकार यह इमारत आने वाले गणमान्य व्यक्तियों के लिए ट्रांसपोर्ट का लिंक प्रदान करता था. यहां मिले दीवारों पर बनाए गए चित्र, टेराजो-शैली और मोजेक फर्श, सिक्के, आभूषण और सजे हुए हड्डी के हेयरपिन के निशान 2,000 साल पहले इस क्षेत्र में रहने वाले लोगों की अमीरी की गवाही देते हैं. 

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