सेना के हस्तक्षेप के आरोपों के बीच ऐतिहासिक चुनाव के लिए तैयार है पाकिस्तान
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सेना के हस्तक्षेप के आरोपों के बीच ऐतिहासिक चुनाव के लिए तैयार है पाकिस्तान

पाकिस्तान के लोग बुधवार (25 जुलाई) को होने वाले आम चुनाव में नये प्रधानमंत्री को चुनने के लिए पूरी तरह तैयार हैं.

पाकिस्तान में 85,000 मतदान केंद्रों पर सुबह आठ बजे से शाम छह बजे तक मतदान होगा.(फाइल फोटो)

इस्लामाबाद: पाकिस्तान के लोग बुधवार (25 जुलाई) को होने वाले आम चुनाव में नये प्रधानमंत्री को चुनने के लिए पूरी तरह तैयार हैं. हालांकि चुनाव प्रक्रिया में ताकतवर सेना की भूमिका पर सवाल उठाये जा रहे हैं और बड़ी संख्या में इस्लामी कट्टरपंथियों के चुनाव में हिस्सा लेने को लेकर भी चिंता जाहिर की जा रही है. पाकिस्तान के चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक 3,459 उम्मीदवार नेशनल असेंबली की 272 सीटों के लिए चुनावी मैदान में है जबकि पंजाब , सिंध बलूचिस्तान और खैबर - पख्तूनख्वा प्रांतीय असेंबली की 577 सीटों के लिए 8,396 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं.

पाकिस्तान में 10.596 करोड़ पंजीकृत मतदाता हैं 
पाकिस्तान में 10.596 करोड़ पंजीकृत मतदाता हैं. देशभर के 85,000 मतदान केंद्रों पर सुबह आठ बजे से शाम छह बजे तक मतदान होगा. मतदान खत्म होने के तुरंत बाद इन्हीं केंद्रों पर मतों की गिनती की जाएगी और 24 घंटों के भीतर परिणाम की घोषणा कर दी जाएगी.  चुनाव से पूर्व मीडिया पर लगाम कसने की कई कोशिशें देखने को मिली हैं. इसके अलावा सेना द्वारा गुपचुप तरीके से पूर्व क्रिकेटर इमरान खान के अभियान के समर्थन और उनके राजनीतिक विरोधियों के निशाना बनाने के भी आरोप लगे हैं.

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पाकिस्तान ने अपने 70 साल के इतिहास में कई बार तख्ता पलट देखा है 
पाकिस्तान ने अपने 70 साल के इतिहास में कई बार तख्ता पलट देखा है और लगभग आधे समय तक सत्ता की बागडोर प्रत्यक्ष रूप से सेना के पास रही है. इसके अलावा असैनिक शासकों के काल में भी सेना ताकतवर रही है और देश की विदेश और सुरक्षा नीति तय करने में उसकी भूमिका अहम रही है.सेना को मजिस्ट्रेट स्तर की शक्ति देने के बाद से ही उसकी भूमिका पर सवाल खड़े किये जा रहे हैं. 

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मतदान केंद्रों के भीतर और बाहर सेना की तैनाती के लिए भी पाकिस्तान के चुनाव आयोग की आलोचना होती रही है. सेना प्रमुख जनरल कमर बाजवा ने हालांकि आश्वस्त किया है कि चुनाव ड्यूटी में लगाये गए सैनिक आयोग की आचार संहिता का कड़ाई से पालन करेंगे. उन्होंने कहा कि सेना चुनाव के दौरान केवल सहयोगी की भूमिका निभाएगी और चुनाव प्रक्रिया का पूरा नियंत्रण चुनाव आयोग के पास रहेगा. भ्रष्टाचार के एक मामले में दोषी ठहराये गए पीएमएल - एन प्रमुख नवाज शरीफ भी यह आरोप लगा चुके हैं कि सेना ने उन्हें दोषी ठहराने के लिए न्यायपालिका पर दबाव बनाया. हालांकि दोनों संस्थाओं ने इन आरोपों को खारिज किया है.  

इनपुट भाषा से भी 

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