अमेरिका ने सोमवार (14 मई) को तेल अवीव से अपना दूतावास स्थानांतरित कर यरूशलम में खोल दिया.
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यरूशलम: अमेरिका ने सोमवार (14 मई) को तेल अवीव से अपना दूतावास स्थानांतरित कर यरूशलम में खोल दिया. अमेरिका के इस कदम से भड़के फिलिस्तीनी लोग इजराइली सैनिकों से भिड़ गए और इस दौरान इजराइली बलों की गोलीबारी में गाजा में कम से कम 41 लोग मारे गए. यह 2014 के बाद से सबसे भीषण हिंसा है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यरूशलम को इजराइल की राजधानी के रूप में मान्यता देने के विवादास्पद कदम के तहत तेल अवीव से अपना दूतावास वहां स्थानांतरित करने की दिसंबर में घोषणा की थी.
उद्घाटन समारोह की शुरुआत अमेरिका के राष्ट्रगान से हुई
इस संवेदनशील मुद्दे पर दशकों तक अमेरिका की तटस्थता से हटकर ट्रंप ने यह घोषणा की थी. यरूशलम में अमेरिकी दूतावास खुलने के उद्घाटन समारोह की शुरुआत अमेरिका के राष्ट्रगान से हुई. इजराइल में अमेरिका के राजदूत डेविड फ्रीडमैन ने रेखांकित किया कि इलराइल को सबसे पहले देश के रूप में मान्यता देने वाले वॉशिंगटन ने अब एक ऐसा कदम उठाया है जिसकी वर्षों से प्रतीक्षा की जा रही थी.
#USEmbassyJerusalem https://t.co/f1SFvrkcAH
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) May 14, 2018
Big day for Israel. Congratulations!
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) May 14, 2018
उन्होंने कहा कि दूतावास को स्थानांतरित करने में ‘‘अमेरिका ने एक बार फिर आगे रहकर काम किया है.’’ अमेरिकी राजदूत ने कहा कि कदम राष्ट्रपति ट्रंप के ‘‘विजन, साहस और नैतिक स्पष्टता’’ का परिणाम है जिनके हम हमेशा कर्जदार रहेंगे. यरूशलम में दूतावास खुलने पर ट्रंप ने सुबह के अपने ट्वीट में इसे ‘‘ इजराइल के लिए एक महान दिन’’ बताया.
At least 41 #Palestinians were killed in massive protests at the #GazaStrip, few minutes before the new #UnitedStatesEmbassy opened officially in #Jerusalem. #gazaprotests #USEmbassyJerusalem
Read @ANI Story | https://t.co/K5Hsd4fzC8 pic.twitter.com/zCqML4C9La
— ANI Digital (@ani_digital) May 14, 2018
अमेरिका का एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल दूतावास खुलने संबंधी समारोह में शामिल हुआ
उन्होंने सुबह के इस ट्वीट में हिंसा का कोई जिक्र नहीं किया, लेकिन कहा, ‘‘ इजराइल के लिए एक महान दिन’’. अमेरिका का एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल दूतावास खुलने संबंधी समारोह में शामिल हुआ जिसमें अमेरिकी उप विदेश मंत्री जॉन सुलिवन , वित्त मंत्री स्टीवन मुनचिन , वरिष्ठ सलाहकार एवं ट्रम्प के दामाद जेअर्ड कुशनेर , वरिष्ठ सलाहकार एवं ट्रम्प की बेटी इवांका ट्रम्प और अंतरराष्ट्रीय वार्ता मामलों के विशेष प्रतिनिधि जैसन ग्रीनब्लैट शामिल थे. इस अवसर पर इस्राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू भी मौजूद थे. नेतन्याहू ने कहा, ‘‘एक ऐतिहासिक अवसर: अमेरिकी दूतावास हमारे राजधानी शहर - यरूशलम में खुल रहा है. ’
उन्होंने ट्रम्प के ट्वीट के जवाब में कहा, ‘‘क्या शानदार दिन है, आपका धन्यवाद @ ट्रम्प. ’’ इजराइली प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘ आज एक ऐतिहासिक दिन है जो हमारे लोगों, हमारे देश और हमारे गठबंधन के इतिहास में एक मील का पत्थर है. ’’ इस बीच, गाजा सीमा पर प्रदर्शन कर रहे फलस्तीनी लोग इजराइली बलों से भिड़ गए. इसमें कम से कम 41 प्रदर्शनकारी मारे गए. गाजा में हमास संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि अब तक इस्राइली गोलीबारी में 41 लोग मारे गए हैं और 1,700 अन्य घायल हुए हैं . फलस्तीनी प्रदर्शनकारियों ने टायर जलाए और इस्राइली सैनिकों पर पथराव किया .
राष्ट्रपति महमूद अब्बास की पार्टी फतह के नेतृत्व वाले एवं वेस्ट बैंक के रामल्ला शहर स्थित फलस्तीनी प्राधिकरण ने मरने वालों की संख्या बढ़ने पर इस्राइल पर ‘‘ भयानक कत्लेआम ’’ का आरोप लगाया . फलस्तीन सरकार के प्रवक्ता यूसुफ अल महमूद ने अंतरराष्ट्रीय हस्तक्षेप की मांग करते हुए कहा कि ‘‘ इजराइली बलों द्वारा गाजा में हमारे नायक लोगों का भयानक कत्लेआम किए जाने ’’ की ओर तत्काल ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है . इस्राइल - फलस्तीन संघर्ष में वर्ष 2014 के गाजा युद्ध के बाद आज का दिन मरने वालों की संख्या के चलते सबसे भयावह कत्लेआम का दिन बन गया.
गोलीबारी में 14 वर्ष किशोर सहित 41 लोग मारे गए
दूतावास खुलने से कुछ घंटे पहले गाजा सीमा पर पांच जगहों पर हुई झड़पों में इस्राइली सैनिकों की गोलीबारी में 14 वर्ष किशोर सहित 41 लोग मारे गए. इजराइली बलों ( आईडीएफ ) ने एक बयान जारी कर हमास पर ‘‘ आतंकी अभियान का नेतृत्व करने ’’ और लोगों को भड़काने का आरोप लगाया. आईडीएफ ने कहा कि लगभग 35 हजार ‘‘ हिंसक दंगाई ’’ गाजा और इस्राइल के बीच सीमा पर लगी बाड़ के पास 12 स्थानों पर एकत्र हुए तथा सीमा से लगभग एक किलोमीटर दूर एक तंबू शहर में हजारों और लोग एकत्र हुए .
प्रदर्शनकारियों ने बाड़बंदी के पास तैनात इजराइली बलों पर देसी बम, जलते हुए टायर तथा पत्थर फेंके
इजराइली बलों ने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने बाड़बंदी के पास तैनात इजराइली बलों पर देसी बम, जलते हुए टायर तथा पत्थर फेंके. दूतावास संबंधी यह कदम विवादास्पद है क्योंकि फलस्तीनी लोग यरूशलम के एक हिस्से को अपनी भविष्य की राजधानी मानते हैं. अरब जगत में अनेक लोगों के लिए यह इस्लाम से संबंधित सबसे पवित्र स्थलों में से एक है. शहर में यहूदियों और ईसाइयों के भी धार्मिक स्थल हैं. मुद्दा इतना विवादास्पद है कि अंतरराष्ट्रीय वार्ताकारों ने शांति समझौतों के अंतिम चरणों में यरूशलम से जुड़े प्रश्न को छोड़ दिया था.
ट्रंप ने यरुशलम में अमेरिकी दूतावास स्थानांतरित करने की घोषणा की थी
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कड़ी आलोचना के बाद भी ट्रंप ने बीते साल 6 दिसंबर में यरुशलम को इजरायल की राजधानी के तौर पर प्रमाणित करते हुए अमेरिकी दूतावास को वहां स्थानांतरित करने की घोषणा की थी. अमेरिकी दूतावास को यरुशलम ले जाने के लिए 14 मई 2018 की तारीख तय की गई थी. इस दिन इजरायल का स्वतंत्रता दिवस है.
यरुशलम में तेजी से हो रहा निर्माण कार्य
यरुशलम को इजरायल की राजधानी का दर्जा मिलने के बाद फलस्तीनी कब्जे वाले वेस्ट बैंक और गाजा पट्टी में हिंसा भड़क उठी है. इजरायल सरकार इससे निपटने के साथ ही यरुशलम में तेजी से निर्माण कार्य करा रही है.
इनपुट भाषा से भी