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ढाका: अब बांग्लादेश (Bangladesh) ने भी पाकिस्तान (Pakistan) की करतूतों की पोल खोलकर रख दी है. बांग्लादेश का कहना है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई (ISI) ढाका में इस्लामिक आतंकवाद की जड़ों को मजबूत करके मुल्क को अस्थिर करने की कोशिश कर रही है. बांग्लादेश के मंत्री हसन उल-इनू ने यह आरोप लगाते हुए कहा कि ISI बांग्लादेश के स्वतंत्र होने के समय से ही उसे अस्थिर करने के प्रयासों में लगी है और इन पहलुओं को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता.
बांग्लादेश में आतंकवाद और पाकिस्तान (Pakistan) द्वारा उसके समर्थन का खुलासा 2016 में ढाका के होली आर्टिसन बेकरी हमले के वक्त हुआ था. इस हमले में पांच अलग-अलग देशों के 20 लोग मारे गए थे. यह हमला जमात-उल मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) ने किया था. ‘बांग्लादेश लाइव न्यूज’ की रिपोर्ट के अनुसार, आतंकवादी समूह के हमले के बाद की छापेमारी से पता चला कि इस समूह को पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा (LeT) का समर्थन प्राप्त था.
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पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI पर अक्सर लश्कर-ए-तैयबा सहित विभिन्न आतंकवादी समूहों का समर्थन करने का आरोप लगता रहा है. 2016 के ढाका हमले के तुरंत बाद बांग्लादेश सरकार ने जांच में पाया कि जेएमबी के आतंकवादी सैन्य प्रशिक्षण के लिए पाकिस्तान और फिर अफगानिस्तान गए थे. रिपोर्ट के अनुसार, लश्कर-ए-तैयबा ने बांग्लादेश में जेएमबी और कट्टरपंथ को फैलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
बताया जा रहा है कि जेएमबी और लश्कर-ए-तैयबा ने बांग्लादेश के काक्स बाजार के टेकनाफ और बंदरबन के दूरदराज के इलाकों में रह रहे रोहिंग्या मुसलमानों की मदद करना शुरू कर दिया है. इससे पहले म्यांमार के पूर्व राष्ट्रपति हतिन क्याव ने देश की सीमा चौकियों पर हमलों के लिए रोहिंग्या आतंकवादी समूह अका मूल मुजाहिदीन (एएमएम) को जिम्मेदार ठहराया था. रिपोर्ट में कहा गया है कि बांग्लादेश स्थित एएमएम हरकत-उल-जिहाद इस्लामी-अराकान से उत्पन्न हुआ है, जिसका लश्कर और पाकिस्तान तालिबान के साथ संबंध है.
एएमएम रोहिंग्या शरणार्थी शिविरों से युवाओं की भर्ती कर रहा है और उन्हें बांग्लादेश और भारत में आतंकी हमले करने के लिए प्रशिक्षण दे रहा है. एक दशक से अधिक समय से लश्कर, जेएमबी, एएमएम के बीच मजबूत सहयोग रहा है. बांग्लादेश के युवाओं को हथियारों के प्रशिक्षण के लिए पाकिस्तान भेजा जाता है. 2012 में बांग्लादेश के अधिकारियों ने मौलाना शबीर अहमद को पकड़ा था, जिसे आतंकी समूह जैश-ए-मोहम्मद की ओर से बांग्लादेश में रोहिंग्या आतंकवादियों के साथ काम करते हुए पाया गया था.