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यरूशलम : इस्राइल में नई सरकार बनाने का न्योता मिलने के साथ ही प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने फलस्तीनियों की ओर शांति का हाथ बढ़ाया है। हाल ही में हुए चुनाव में नेतन्याहू की पार्टी को आश्चर्यजनक जीत हासिल हुई है।
आम चुनाव में मतदान से एक दिन पहले नेतन्याहू ने फलस्तीन पर अपनी छह साल पुरानी नीति को बदलते हुए फलस्तीनी राज्य का नामों-निशान मिटाने की बात कही थी। राष्ट्रपति रूवेन रिवलिन ने 65 वर्षीय नेतन्याहू को कल सरकार बनाने की मंजूरी दे दी। 17 मार्च के चुनाव में मिली जीत के बाद नेतन्याहू चौथी बार सरकार बनाने जा रहे हैं।
रिवलिन ने आम चुनाव का औपचारिक परिणाम दस्तावेज पाने के कुछ ही घंटों बाद नेतन्याहू को सरकार बनाने का न्योता दिया। 120 सदस्यीय संसद में नेतन्याहू की लिकुद पार्टी को 30 सीटें मिली हैं।
इस्राइल के मुख्य टीवी और रेडियो स्टेशनों पर सीधे प्रसारित एक कार्यक्रम में रिवलिन ने नेतन्याहू से कहा, ‘मैंने आपको सरकार बनाने की जिम्मेदारी देने का फैसला किया है।’ विशेषज्ञों के मुताबिक नेतन्याहू आसानी से सभी दक्षिणपंथी दलों को साथ लाकर 120 सदस्यीय संसद में कुल 67 सीटों वाला गठबंधन बना सकते हैं।