US Vs Russia: पुतिन का प्लान और घुटनों के बल गिरेगा अमेरिका? सुपरपावर की हेकड़ी निकालने के लिए डील
Advertisement
trendingNow12409528

US Vs Russia: पुतिन का प्लान और घुटनों के बल गिरेगा अमेरिका? सुपरपावर की हेकड़ी निकालने के लिए डील

US Vs Russia: अमेरिकी एयरफोर्स दुनिया की नंबर 1 वायुसेना है. उसके हाईटेक F-22 और F-35 और पांचवीं पीढ़ी के तमाम जंगी जेट यानी फाइटर प्लेन B-2 स्पिरिट बॉम्बर के बारे में तमाम संवेदनशील डाटा और कोडिंग गलत हाथों पर पहुंच गई है.

US Vs Russia: पुतिन का प्लान और घुटनों के बल गिरेगा अमेरिका? सुपरपावर की हेकड़ी निकालने के लिए डील

US fighter jet Sensitive Data Leaked: अमेरिकी एजेंसियों एक खुफिया रिपोर्ट ने सुपरपावर की कमान संभाल रहे लोगों के होश उड़ा दिए हैं. सबके माथे पर चिंता की लकीरें हैं. बाइडेन से लेकर ट्रंप और कमला हैरिस सब परेशान ही होंगे. बात ही कुछ ऐसी गंभीर है. दरअसल अमेरिका अपने जिन नेक्स्ट जेन फाइटर जेट्स के दम पर दुनिया का चौधरी बना घूमता है. उनकी डिजाइन से लेकर तमाम तकनीकी जानकारी लीक हो गई है. कोई छोटा मोटा हैकर या देश होता तो मैनेज हो जाता लेकिन उनकी जानकारी एक पारंपरिक दुश्मन    (रूस) और दूसरे जानी दुश्मन (ईरान) समेत जिस तीसरे चीन के पास पहुंची है, उसकी चालबाजी और बदनामी के किस्से दूर-दूर तक मशहूर हैं. वो खुद अमेरिका का जहाज डुबोकर नंबर 1 की कुर्सी पर बैठना चाहता है. अब ये सवाल उठ रहा है कि क्या यूक्रेन को लगातार उकसा रहे अमेरिका का दिमाग ठिकाने लगाने के लिए, कहीं पुतिन ने कोई नई चाल तो नहीं चल दी? जिसमें अमेरिका ट्रैप हो गया.

खिलौना बन जाएंगे  F-22 और F-35 पांचवीं पीढ़ी का B-2 स्पिरिट बॉम्बर 

अमेरिकी एयरफोर्स दुनिया की नंबर 1 वायुसेना है. उसके हाईटेक F-22 और F-35 और पांचवीं पीढ़ी के तमाम जंगी जेट यानी फाइटर प्लेन B-2 स्पिरिट बॉम्बर के बारे में तमाम संवेदनशील डाटा और कोडिंग गलत हाथों पर पहुंच गई है. ये सीक्रेट जानकारी रूस, चीन और ईरान के हाथ लगने के अपुष्ट दावे किए जा रहे हैं. यूरेशियन टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबित एक डिफेंस कॉन्ट्रेक्टर की गलती की वजह से मिलिट्री दस्तावेजों में सेंध लगी है. बताया जा रहा है कि रक्षा ठेकेदार RTX के साथ 200 मिलियन डॉलर की एक डील हुई थी. इसी दौरान कुछ ऐसा हो गया जो किसी ने सोचा भी नहीं होगा. 

ये तमाम डाटा लीक तब हुआ जब ये खुलासा हुआ कि RTX के कर्मचारियों ने चीन, रूस, ईरान और अन्य देशों की यात्रा की थी. जिससे वर्गीकृत जानकारी की सुरक्षा के बारे में चिंताएं बढ़ गईं. माना जा रहा है कि जो पेपर्स लीक हुए हैं उनकी डील अगस्त 2017 से सितंबर 2023 के बीच के छह सालों में हुई थी. इसी दौरान शस्त्र निर्यात नियंत्रण अधिनियम और शस्त्र विनियम (आईटीएआर) के प्रावधानों को बाईपास किया गया. वहीं इंटरनेशनल ट्रैफिक के कुछ नियमों का पालन नहीं किया गया.

अमेरिकी विदेश विभाग के बयान के मुताबिक, न सिर्फ फाइटर जेट्स बल्कि अन्य रक्षा उपकरणों, सैन्य उत्पादों की जानकारी भी लीक हुई है. 30 अगस्त के इस बयान में कहा गया कि, आरटीएक्स ने सभी कथित नियमों के उल्लंघनों का स्वेच्छा से खुलासा किया है. आरटीएक्स ने इस मामले की विभाग की समीक्षा में भी सहयोग किया है. हमारी चिंताओं को दूर करने के लिए उसने अपने काम-काज में कई सुधार किए हैं. ऐसे में चिंता की कोई बात नहीं है. 

ये भी पढ़ें- इंटरनेट से सीख कर 40 डिग्री में सेब उगा रहा किसान, 50 से शुरुआत कर लगा दिए 500 पेड़

Latest News in HindiBollywood NewsTech NewsAuto NewsCareer News और Rashifal पढ़ने के लिए देश की सबसे विश्वसनीय न्यूज वेबसाइट Zee News Hindi का ऐप डाउनलोड करें. सभी ताजा खबर और जानकारी से जुड़े रहें बस एक क्लिक में.

Trending news