आतंकवादी कृत्य के रूप में की जा रही है कैलिफोर्निया गोलीबारी की जांच: FBI
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आतंकवादी कृत्य के रूप में की जा रही है कैलिफोर्निया गोलीबारी की जांच: FBI

कैलिफोर्निया मे हुई गोलीबारी की जांच एक आतंकवादी कृत्य के रूप में की जा रही है। एफबीआई ने यह जानकारी ऐसे समय में दी है जब इस प्रकार की रिपोर्ट मिल रही हैं कि अपने पाकिस्तानी-अमेरिकी पति के साथ मिलकर हमला करने वाली पाकिस्तानी महिला ने फेसबुक पर इस्लामिक स्टेट और उसके नेताओं के प्रति वफादारी का संकल्प लिया था।

आतंकवादी कृत्य के रूप में की जा रही है कैलिफोर्निया गोलीबारी की जांच: FBI

वॉशिंगटन : कैलिफोर्निया मे हुई गोलीबारी की जांच एक आतंकवादी कृत्य के रूप में की जा रही है। एफबीआई ने यह जानकारी ऐसे समय में दी है जब इस प्रकार की रिपोर्ट मिल रही हैं कि अपने पाकिस्तानी-अमेरिकी पति के साथ मिलकर हमला करने वाली पाकिस्तानी महिला ने फेसबुक पर इस्लामिक स्टेट और उसके नेताओं के प्रति वफादारी का संकल्प लिया था।

एफबीआई के निदेशक जेम्स कोमे ने अमेरिका की अटॉर्नी जनरल लोरेटा ई लिंच के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा, यह अब आतंकवाद की एक संघीय जांच है जिसका नेतृत्व एफबीआई कर रहा है। इसका कारण यह है कि जांच ने अब तक हमलावरों के कट्टरपंथी होने और उनके विदेशी आतंकवादी संगठनों से संभवत: प्रेरित होने की ओर संकेत दिए हैं। एजेंसी के निदेशक ने कहा कि इस बात का अभी तक कोई संकेत नहीं मिला है कि सान बर्नार्डिनो में 14 लोगों की जान वाले हमलावर किसी बड़े षड़यंत्र का हिस्सा थे या किसी आतंकवादी संगठन के सदस्य थे।

अमेरिकी जांचकर्ताओं ने कल कहा था कि अपने पाकिस्तानी-अमेरिकी पति के साथ मिलकर गोलीबारी करने वाली 27 वर्षीय पाकिस्तानी महिला ने फेसबुक पर आईएस नेता अबु बकर अल बगदादी से वफादारी का संकल्प लिया था। अधिकारियों ने बताया कि सान बर्नार्डिनो में हमले से पहले महिला हमलावर ने फेसबुक पर आईएस नेता अल बगदादी से वफादारी के संबंध में एक संकल्प पोस्ट किया था। छह महीने की एक बच्ची की मां ताशफीन एक पाकिस्तानी नागरिक थी जबकि फारूक के माता-पिता पाकिस्तान से अमेरिका आ गए थे। दोनों हमलावर पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारे गए।

अरबी भाषा की आईएस समर्थक न्यूज एजेंसी अमक ने मलिक और फारूक को इस्लामिक स्टेट समूह के साथ सहानुभूति रखने वाले बताया है लेकिन हमले की जिम्मेदारी नहीं ली। एफबीआई प्रमुख ने कहा कि जांच के शुरूआती दो दिनों में इस बात का कोई संकेत नहीं मिला है कि हमलावर किसी बड़े संगठित समूह या किसी सेल का हिस्सा थे।

उन्होंने कहा, इस बात का कोई संकेत नहीं है कि वे किसी नेटवर्क का हिस्सा थे। फिर से, यह बहुत जल्दबाजी होगी। हम अब भी बात समझने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं लेकिन मैं चाहता हूं कि आप यह जानें कि हमें अभी तक ऐसे कोई संकेत नहीं मिले हैं। सान बर्नार्डिनो में दंपति के अपार्टमेंट से हथियारों का बड़ा जखीरा बरामद करने के अलावा एफबीआई को इलेक्ट्रॉनिक सामग्री मिली थी जिसे दंपति ने पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारे जाने से पहले नष्ट करने की असफल कोशिश की थी।

कोमे ने कहा, हम इलेक्ट्रॉनिक सबूत पर गौर कर रहे हैं। इस इलेक्ट्रॉनिक सबूत को हमलावरों ने नष्ट करने और हमसे छुपाने की कोशिश की थी। यह अब हमारे पास है और हम इसे समझने और इसकी मदद से कुछ पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं। एफबीआई प्रमुख ने कहा, मैंने ऐसी खबरें देखीं है जिनमें इस बात पर ध्यान केंद्रित किया गया है कि कम से कम एक हत्यारा उन लोगों के संपर्क में था जो एफबीआई की जांच के दायरे में रहे है, या तो वे जांच बंद हो गई हैं या वे अब भी जारी हैं। उन्होंने मीडिया से इस बात को बहुत अधिक तवज्जो नहीं देने को कहा।

एफबीआई प्रमुख ने कहा, किसी भी हत्यारे या हमारी जांच के दायरे में शामिल लोगों के बीच कोई ऐसा ठोस संबंध नहीं था जिससे ये हत्यारे हमारी जांच के दायरे में आ जाते। हम निस्संदेह इन संबंधों पर बहुत निकटता से नजर रख रहे है लेकिन मैं नहीं चाहता कि आप अभी इस पर ज्यादा ध्यान दें। इस बीच हाउस परमानेंट सिलेक्ट कमेटी ऑन इंटेलिजेंस के अध्यक्ष डेविड नुनेस ने सान बर्नार्डिनो में हुई गोलीबारी की जांच आतंकवादी घटना के रूप में किए जाने की प्रशंसा की।

उन्होंने कहा, अब समय आ गया है कि राष्ट्रपति :बराक: ओबामा यह स्वीकार करें कि यह हमला अलकायदा और आईएसआईएस समेत उसी इस्लामी जिहादी आंदोलन के तहत अंजाम दिया गया है जिसके खिलाफ हम पिछले 15 वर्षों से लड़ रहे हैं। नुनेस ने कहा, राष्ट्रपति ने बयान दिए थे कि आईएसआईएस को काबू में कर लिया गया है और अलकायदा भाग रहा है। इसके बावजूद सान बर्नार्डिनो में हुई घटना दिखाती है कि यह खतरा वास्तविक है और बढ रहा है।

उन्होंने कहा, अमेरिकी लोगों और हमारे सहयोगियों की सुरक्षा के लिए राष्ट्रपति को अपने दुश्मन के खिलाफ युद्ध में हर उपलब्ध संसाधन का प्रयोग करना चाहिए। सदन में विदेशी मामलों की समिति के अध्यक्ष एड रॉयस ने कहा, यदि हमें अमेरिकी लोगों को सुरक्षित रखना है तो प्रशासन को इस्लामी आतंकवाद को हराने और हमारे देश की रक्षा करने के लिए एक वृहद और आक्रामक रणनीति बनानी चाहिए। उन्होंने कहा, हमारे सामने इंटरनेट और सोशल मीडिया की ओर से भड़काए गए कट्टरपंथ का एक और मामला सामने आया है। यह ऐसा तरीका है जिसका इस्तेमाल आतंकवादी वषरें से करते आ रहे है। प्रशासन कब जागेगा?

 

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