Canada News: भारत से पंगा लेकर फंस चुके ट्रूडो ने इस मुद्दे के लिए लोगों से मांगी माफी, कहा- पता नहीं था बैकग्राउंड
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Canada News: भारत से पंगा लेकर फंस चुके ट्रूडो ने इस मुद्दे के लिए लोगों से मांगी माफी, कहा- पता नहीं था बैकग्राउंड

Canada Latest Updates: भारत पर खालिस्ताी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का आरोप लगाकर फंस चुके कनाडा के जस्टिन ट्रूडो ने एक अन्य मुद्दे पर लोगों से माफी मांगी है. ट्रूडो ने कहा कि उन्हें घटना का बैकग्राउंड पता नहीं था.

Canada News: भारत से पंगा लेकर फंस चुके ट्रूडो ने इस मुद्दे के लिए लोगों से मांगी माफी, कहा- पता नहीं था बैकग्राउंड

Canada Latest News: भारत से पंगा लेकर देश-दुनिया में फंस चुके कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. भारत पर खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का आरोप लगाने के बावजूद सबूत न देने पर पहले से ट्रूडो पहले से मीडिया के निशाने पर चल रह हैं. अब पिछले सप्ताह यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के कनाडा आगमन के दौरान नाजियों के साथ मिलकर लड़ने वाले एक व्यक्ति को संसद में बुलाकर विशेष सम्मान देने के लिए उनकी विश्व स्तर पर किरकिरी हो रही है. अपनी बची-खुची इमेज बचाने के लिए ट्रूडो ने इस घटना के लिए बुधवार को माफी मांगी.

'स्पीकर की गलती से देश हुआ शर्मिंदा'

उन्होंने नाजी के सहयोगी को विशेष सम्मान देने का ठीकरा हाउस ऑफ कॉमन्स के स्पीकर पर फोड़ दिया. उन्होंने कहा कि उस व्यक्ति को निमंत्रण और मान्यता देने के लिए स्पीकर पूरी तरह से जिम्मेदार थे. यह एक गलती थी जिसने संसद और कनाडा को बहुत शर्मिंदा किया है. इस घटना के बाद स्पीकर मंगलवार को ही अपना इस्तीफा देने की घोषणा कर चुके हैं. 

ट्रूडो ने लोगों से मांगी माफी

ट्रूडो (Justin Trudeau) ने बुधवार को हाउस ऑफ कॉमन्स में प्रवेश करने से पहले कहा, 'शुक्रवार को सदन में मौजूद हम सभी लोगों को खड़े होकर तालियां बजाने पर गहरा अफसोस है, भले ही हम संदर्भ से अनभिज्ञ थे. यह घटना नाजियों के हाथों यहूदियों के नरसंहार में मारे गए लाखों लोगों की स्मृति का एक भयानक उल्लंघन था. ऐसा करना यहूदी लोगों के लिए बेहद दर्दनाक था.' इसके साथ ही ट्रूडो ने संसद में इस घटना के लिए माफ़ी भी मांगी.

पूर्व यूक्रेनी सैनिक का हुआ था सम्मान

बताते चलें कि शुक्रवार को हाउस ऑफ कॉमन्स में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की को भाषण देने के लिए आमंत्रित किया गया था. ज़ेलेंस्की के भाषण देने के ठीक बाद, स्पीकर एंथनी रोटा ने संसद में बुलाए गए 98 वर्षीय यारोस्लाव हुंका (Yaroslav Hunka) के बारे में सदन का परिचय करवाया. उन्हें एक युद्ध नायक के रूप में पेश किया गया, जो प्रथम यूक्रेनी डिवीजन के लिए लड़ा था. इसके बाद ट्रूडो (Justin Trudeau) समेत सभी कनाडाई सांसदों ने खड़े होकर यारोस्लाव हुंका के सम्मान में तालियां बजाई. 

यहूदियों के नरसंहार में दिया था साथ

हालांकि हुंका का यह सम्मान जल्द ही विवादों में घिर गया, जब घटना के कुछ समय बाद यह तथ्य सामने आ गया कि प्रथम यूक्रेनी डिवीजन, जिसे एसएस 14 वें वेफेन डिवीजन के रूप में भी जाना जाता था. वह सेना की एक स्वैच्छिक इकाई थी जो नाज़ियों की कमान के अधीन थी. यानी कि यूक्रेनी सेना की उस इकाई ने यहूदियों के नरसंहार समेत नाजियों के हर अपराधों को पूरा करने में उनका साथ दिया था. 

रूस ने कनाडा पर साधा निशाना

मॉस्को में, क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने इस सप्ताह की शुरुआत में कहा था कि हुंका के लिए खड़े होकर तालियां बजाना अपमानजनक था. उन्होंने इसे नाजी शासन को याद करने के प्रति ढीले रवैये का परिणाम बताया. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन में अपने दुश्मनों को नव-नाज़ियों के रूप में चित्रित किया है, हालांकि यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की खुद यहूदी हैं और नाजियों के हाथों हुए नरसंहार में अपने रिश्तेदारों को खो चुके हैं.

पद छोड़ने को मजबूर हुए स्पीकर

हुंका को सम्मान दिए जाने के बाद विपक्ष ने ट्रूडो (Justin Trudeau) और स्पीकर पर हमला बोल दिया और इस्तीफे की मांग की. इसके बाद दबाव में आए स्पीकर एंथनी रोटा ने मंगलवार को पद छोड़ दिया. अपने माफीनामे में रोटा ने कहा कि हुंका  (Yaroslav Hunka) को आमंत्रित करने और पहचानने में हुई गलती के लिए वे अकेले जिम्मेदार थे. रोटा ने बताया कि हुंका अब कनाडा के उसी जिले में रहते हैं, जिसका प्रतिनिधित्व वे सदन में करते हैं. रोटा ने बताया कि हुंका के बेटे ने उनसे संपर्क कर आग्रह किया था कि क्या जेलेंस्की के भाषण के दौरान वह सदन में उपस्थित हो सकता है. इसके बाद सरकार को सूचित किए बगैर उसे आमंत्रित कर लिया गया. 

(एजेंसी एएनआई)

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