चीन में सीसीपी और सरकारी कंपनियां बेल्ट और रोड परियोजना पर वहां के नागरिकों को अक्सर खतरनाक परिस्थितियों में काम करने के लिए मजबूर करते हैं.
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नई दिल्ली: अमेरिका द्वारा ट्रैफिकिंग इन पर्सन्स (TIP) रिपोर्ट के मुताबिक, चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) और सरकारी कंपनियां बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) परियोजनाओं पर अपने कर्मचारियों से 'खतरनाक परिस्थितियों' में काम करवा रहे हैं.
गुरुवार को अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने खुलासा किया कि चीन टियर -3 श्रेणी (सबसे कम रैंकिंग) में आता है. उन्होंने कहा, 'हमारी TIP रिपोर्ट उन देशों के बारे में बताती है जहां राज्य-प्रायोजित बंधुआ मजदूरी के उदाहरण दिखने को मिलते हैं. उनमें से एक चीन है, जहां सीसीपी और सरकारी कंपनियां बेल्ट और रोड परियोजना पर वहां के नागरिकों को अक्सर खतरनाक परिस्थितियों में काम करने के लिए मजबूर करते हैं.'
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हालांकि, ये पहली बार नहीं है जब चीन को टियर-3 की श्रेणी में रखा गया हो. 2017 से चीन टियर-3 श्रेणी में ही है, क्योंकि अमेरिकी रिपोर्ट का मानना है कि 'तस्करी को खत्म करने के लिए न्यूनतम मानकों पर चीन पूरी तरह से खरा नहीं उतरता और ऐसा करने के लिए महत्वपूर्ण प्रयास भी नहीं कर रहा है.'
रिपोर्ट में कहा गया है कि- 'महत्वपूर्ण प्रयासों की कमी के बावजूद, सरकार ने तस्करी को रोकने के लिए कुछ कदम उठाए, जिसमें कुछ तस्करों को दोषी ठहराने, उनपर मुकदमा चलाने और अंतरराष्ट्रीय अधिकारियों के साथ मिलकर पीआरसी में जबरन और धोखाधड़ी से होने वाली शादियों पर रोक लगाना शामिल थे, जिसके कारण विदेशी महिलाएं और लड़कियां परेशान थीं.'
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इन प्रयासों के बावजूद, सबसे ज्यादा परेशान करने वाली बात तो बंधुआ मजदूरी है, जो खासतौर पर डिटेंशन कैंप की मदद से हो रही है, जहां शिनजियांग में लाखों उइगर, कजाक, किर्गिज और अन्य मुस्लिमों को हिरासत में लिया गया है. रिपोर्ट में चीन से जबरन मजदूरी खत्म करने का आग्रह किया गया है.
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टीआईपी रिपोर्ट को टीयर -1, टीयर- 2, टीयर- 2 वॉचलिस्ट और टीयर- 3 में बांटा गया है. तस्करी रोकने के लिए जिन देशों की सरकारें पूरी तरह से TVPA`s (ट्रैफिकिंग विक्टिम्स प्रोटेक्शन एक्ट) के मानकों को पूरा करती हैं, उन्हें टीयर-1 में रखा जाता है. टियर-3 के तहत आने वाले देशों को अमेरिका से केवल सीमित संसाधन ही मिल पाते हैं.