चीन में कोविड-19 पैदा हुआ और दुनिया भर में फैला. इसने इंसानी जीवन पर जमकर तबाही मचाई. हर देश अपने नागरिकों की सुरक्षा में पूरी ताकत से जुट गया और अब चीन अपने एक स्तनपायी जीव की सुरक्षा को लेकर खासा चिंतित है.
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बीजिंग: चीन में कोविड-19 पैदा हुआ और दुनिया भर में फैला. इसने इंसानी जीवन पर जमकर तबाही मचाई. हर देश अपने नागरिकों की सुरक्षा में पूरी ताकत से जुट गया और अब चीन अपने एक स्तनपायी जीव की सुरक्षा को लेकर खासा चिंतित है. उसने इस जीव की सुरक्षा का स्तर बढ़ा दिया है.
इस स्तनपायी जीव का नाम है पैंगोलिन. इसे पांडा जैसी लुप्तप्राय प्रजातियों की तरह प्रथम-श्रेणी के संरक्षित जानवरों में रखा गया है.
ऐसा माना गया था कि कोरोना वायरस पैंगोलिन के जरिये फैला होगा. पैंगोलिन के मांस को चीन में खाया जाता है और पारंपरिक चीनी दवाओं में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है जिसके चलते इस स्तनपायी का व्यापक पैमाने पर अवैध शिकार होता है.
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शुरूआत में कोविड-19 के लिए सांप और चमगादड़ पर संदेह के बाद चीनी वैज्ञानिकों का मानना है कि पैंगोलिन मानवों पर कोरोना वायरस के फैलने का मध्यवर्ती स्रोत हो सकता है.
कोविड-19 बीमारी जो कि महामारी में बदल गई और इससे दुनिया भर में स्वास्थ्य संकट पैदा हो गया, उसमें शायद पैंगोलिन एक वजह हो सकता है.
सरकारी समाचार पत्र 'ग्लोबल टाइम्स' की शनिवार को प्रकाशित एक खबर के अनुसार इस सप्ताह के अंत में, चीन ने पैंगोलिन की सभी प्रजातियों को दूसरी श्रेणी से प्रथम श्रेणी के संरक्षित जानवरों में अपग्रेड करने की घोषणा की है.
प्रथम श्रेणी में संरक्षित अन्य जानवरों में विशाल पांडा, तिब्बती मृग और लाल-मुकुट वाले क्रेन शामिल हैं.
विश्व पशु संरक्षण के एक वैज्ञानिक सन क्वानहुई ने 'ग्लोबल टाइम्स' को शुक्रवार को बताया कि वर्तमान में, दुनिया की सभी आठ मौजूदा पैंगोलिन प्रजातियों को उनके संबंधित देशों और क्षेत्रों में लुप्तप्राय प्रजातियों के रूप में सूचीबद्ध किया गया है.