हरकतों से बाज नहीं आ रहा चीन, डोकलाम विवाद के बाद फिर भारत के सीमा पर कर रहा ये काम
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हरकतों से बाज नहीं आ रहा चीन, डोकलाम विवाद के बाद फिर भारत के सीमा पर कर रहा ये काम

सीमा विवाद के कारण 2017 में विवादित डोकलाम क्षेत्र में तनावपूर्ण गतिरोध पैदा हुआ था.

भारत के साथ लगती चीन की सीमा पर क्षेत्रीय विवादों के संबंध में भी चिंताएं जताई गई है.(फाइल फोटो)

वॉशिंगटन: अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन ने एक रिपोर्ट में दावा किया है कि चीन हिंद महासागर और अन्य सागरों में अपनी सैन्य मौजूदगी बढ़ाने के लिए पाकिस्तान में ग्वादर सहित अन्य विदेशी बंदरगाहों तक अपना विस्तार कर रहा है. चीन की बढ़ती सैन्य क्षमता पर अमेरिकी रक्षा विभाग द्वारा जारी कांग्रेस की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि अफ्रीका, पश्चिम एशिया और दक्षिण एशिया में वाणिज्यिक बंदरगाहों तक पहुंच बढ़ाने की चीनी सेना की कोशिशों से भविष्य में बंदरगाहों तक सैन्य साजोसामान मुहैया कराने की आवश्यकता पूरी होगी.

संभावना है कि पीपुल्स लिबरेशन आर्मी नेवी (पीएलएएन) अपने अंतरराष्ट्रीय और घरेलू साजोसामान अभियान, आपूर्ति, पुन: पूर्ति के लिए वाणिज्यिक बंदरगाहों और असैन्य जहाजों का इस्तेमाल करेगी. रिपोर्ट में कोरियाई प्रायद्वीप की पहचान एक ऐसे क्षेत्र के रूप में की गई है जहां अस्थिरता और अनिश्चितता की स्थिति है.

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पेंटागन ने कहा कि चीन अपना पहला स्वदेशी विमानवाहक पोत बना रहा है
साथ ही भारत के साथ लगती चीन की सीमा पर क्षेत्रीय विवादों के संबंध में भी चिंताएं जताई गई है. सीमा विवाद के कारण 2017 में विवादित डोकलाम क्षेत्र में तनावपूर्ण गतिरोध पैदा हुआ था. पेंटागन ने कहा कि चीन अपना पहला स्वदेशी विमानवाहक पोत बना रहा है. इस जहाज का प्राथमिक उद्देश्य क्षेत्रीय रक्षा अभियान में मदद देना होगा. 

उसने कहा, ‘‘बीजिंग संभवत: हिंद महासागर और दक्षिण चीन सागर में शक्ति का प्रदर्शन करने के लिए इस जहाज का इस्तेमाल करेगा.’’ इस जहाज का प्रारंभिक परीक्षण मई 2018 में हुआ था और इसके 2019 तक बेड़े में शामिल होने की संभावना है. 

इनपुट भाषा से भी 

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