Tibet में अपनी ताकत बढ़ा रहा China, राजधानी ल्हासा में बना सबसे बड़ा Airport
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Tibet में अपनी ताकत बढ़ा रहा China, राजधानी ल्हासा में बना सबसे बड़ा Airport

ड्रैगन इस वक्त तिब्बत में विकास के नाम पर अपनी ताकत बढ़ाने की कोशिश कर रहा है. दक्षिण एशिया और हिमालय क्षेत्र में दखल बढ़ाया जा सके. इसीलिए चीन ने ल्हासा एयरपोर्ट का विस्तार किया है.

ल्हासा एयरपोर्ट.

बीजिंग: तिब्बत (Tibet) की राजधानी ल्हासा (Lhasa) स्थित एयरपोर्ट पर चीन (China) ने एक नवनिर्मित कन्सट्रक्टर टर्मिनल शुरू किया है. इसका लक्ष्य रणनीतिक हिमालयी क्षेत्र में परिवहन संबंधी बुनियादी ढांचे का विस्तार करना तथा इसे दक्षिण एशिया के एक बड़े ग्लोबल ट्रैफिक हब के रूप में स्थापित करने का है.

  1. तिब्बत में विकास के नाम पर अपनी ताकत बढ़ा रहा चीन
  2. तिब्बत की राजधानी ल्हासा में एयरपोर्ट का किया विस्तार 
  3. दक्षिण एशियाा और हिमालय क्षेत्रों में दखल बढ़ाना असली मकसद

'मील का पत्थर साबित होगा'

सरकार द्वारा संचालित ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि ल्हासा गोंगर एयरपोर्ट (Lhasa Gongar Airport) पर नवनिर्मित टर्मिनल-3 विमानों के परिचालन के लिए शनिवार को शुरू कर दिया गया. सुदूर क्षेत्र के बुनियादी ढांचे के विकास में यह महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा जो यात्री और माल परिवहन में मजबूती ला सकता है.

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60.3 करोड़ डॉलर हुए खर्च

इसमें कहा गया है कि इस एयरपोर्ट की एक्सपेंशन योजना पर करीब 60.3 करोड़ डॉलर खर्च हुए हैं. इससे क्षेत्र को दक्षिण एशिया का वैश्विक परिवहन केंद्र बनाने में मदद मिलेगी. तिब्बत में न्यिंगची, शिगेत्से और नागरी सहित पांच एयरपोर्ट हैं. नागरी एयरपोर्ट भारत और नेपाल सीमा के निकट स्थित है.

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