पाकिस्तान के ड्रीम प्रोजेक्ट CPEC पर 'दोस्त' चीन ने लगाया ब्रेक
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पाकिस्तान के ड्रीम प्रोजेक्ट CPEC पर 'दोस्त' चीन ने लगाया ब्रेक

अंतरराष्ट्रीय मंच पर हर गलत-सही सभी मसलों में पाकिस्तान का साथ देने वाले चीन ने सीपीइसी के मुद्दे पर आर्थिक मदद रोक दी है.

चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) में भ्रष्टाचार की शिकायत. प्रतीकात्मक तस्वीर

नई दिल्ली: अंतरराष्ट्रीय मंच पर हर गलत-सही सभी मसलों में पाकिस्तान का साथ देने वाले चीन ने सीपीइसी के मुद्दे पर आर्थिक मदद रोक दी है. 50 अरब रुपए की लागत से बनने वाले चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) में भ्रष्टाचार की शिकायत के बाद चीन ने यह कदम उठाया है. हालांकि ये भी कहा गया है कि यह रोक अस्थाई तौर पर है. पाकिस्तानी मीडिया रिपार्ट्स में कहा जा रहा है कि चीन के इस फैसले से पाकिस्तान के उच्च अधिकारी हैरत में हैं. ध्यान रहे कि चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे पर भारत का ऐतराज है, क्योंकि यह पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से होकर गुजरेगी. 

  1. चीन पाकिस्तान के बीच बन रहा है आर्थिक गलियारा
  2. प्रोजेक्ट में भ्रष्टाचार की शिकायत पर चीन ने फंड रोका
  3. पाकिस्तान के कब्जे से गुजरेगा CPEC, भारत को है ऐतराज

पाकिस्तान के अखबार 'डॉन' की वेबसाइट के मुताबिक चीन की ओर से आर्थिक मदद रोके जाने के चलते CPEC के तहत पाकिस्तान में बनाए जा रहे तीन सड़क परियोजनाओं पर काम थम जाएगा. बताया जा रहा है कि चीन ने पाकिस्तान से कहा है कि वह इस परियोजना के लिए नई गाइडलाइंस तय करेगा, जिसके बाद आर्थिक फंड जारी किया जाएगा. CPEC परियोजना के तहत तैयार होने वाली सड़कें चीन के शिनजियांग को पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत से जोड़ा जाना है.

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चीन के पैसा रोकने पर ये 3 प्रोजेक्ट होंगे ठप्प
1. 81 अरब रुपए से तैयार हो रहा 210 किलोमीटर लंबा डेरा इस्माइल खान-झोब रोड 
2. 20 अरब की लागत से तैयार हो रहा 110 किलोमीटर लंबा खुजदार-बसिमा रोड
3. रायकोट से थाकोट के बीच काराकोरम हाइवे। 136 किलोमीटर लंबी इस सड़क के निर्माण पर करीब 8.5 अरब रुपये खर्च होने का अनुमान है।

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मालूम हो कि सीपेक के तहत पाकिस्तान के कासिम बंदरगाह में निर्मित 1320 मेगावॉट के विद्युत संयंत्र का उद्घाटन 29 नवंबर को हुआ था. शुआंग ने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘इस संयंत्र के चालू होने से चीनी पक्ष खुश है. मेरे ख्याल से यह ऊर्जा उपलब्ध कराने और पाकिस्तान के लोगों के लाभ पहुंचाने में सकारात्मक भूमिका निभाएगा.’ भारत सीपेक का विरोध करता रहा है क्योंकि यह पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से गुजरता है.

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