चीन के कस्टम डिपार्टमेंट का कहना है कि अमेरिकी प्लांट में COVID-19 के एक क्लस्टर पाए जाने की सूचना के बाद वहां से आयात रोक दिया गया है.
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बीजिंग: चीन (China) फिलहाल कोराना वायरस (Coronavirus) संक्रमण की दूसरी लहर (Second wave) के खतरे में है. इसी बीच खबर है कि चीन ने एक अमेरिकी प्लांट Tyson Inc से आने वाले पोल्ट्री उत्पादों के आयात पर रोक लगा दी है, क्योंकि ये प्लांट कोरोना वायरस की चपेट में आ गया था.
चीन के कस्टम डिपार्टमेंट का कहना है कि अमेरिकी प्लांट में COVID-19 के एक क्लस्टर पाए जाने की सूचना के बाद वहां से आयात रोक दिया गया है. इससे पहले, चीनी अधिकारियों ने वायरस की सूचना पर एक जर्मन प्रोसेसर Toennies से पोर्क के आयात को भी रोक दिया था. जाहिर है वायरस की दूसरी लहर का खतरा झेल रहा चीन अब कोई जोखिम नहीं लेना चाहता.
टायसन के प्रवक्ता गैरी मिकेलसन ने कहा कि कंपनी अमेरिकी अधिकारियों के साथ काम कर रही थी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि यहां उत्पादित भोजन सरकारी सुरक्षा मानकों के अनुसार ही निर्मित किया गया हो.
दो हफ्ते पहले बीजिंग के शिनफादी बाजार में वायरस के प्रकोप के बाद चीन के वेट बाजार फिर से सुर्खियों में आ गए हैं. जो वायरस ने पहली बार वुहान के एक बाजार से निकला, उसने चीनी अधिकारियों को एक बार फिर सतर्क कर दिया है. बीजिंग के अधिकारियों के निशाने पर अब फूड डिलीवरी सेवाएं हैं और अब सारा ध्यान डिलिवरी करने वाले लोगों की टेस्टिंग पर ही केंद्रित किया जा रहा है, क्योंकि अधिकारियों का कहना है कि अगले सप्ताह तक शहर में सामान लाने-ले जाने (couriers) वाले सभी लोगों के टेस्ट कर लिए जाएंगे.
अधिकारियों ने बीजिंग में खाने के पैकेट के माध्यम से वायरस फैलने के खतरे के बारे में बताया था. चीन की राजधानी में शुक्रवार को कोरोना वायरस के 22 नए मामले सामने आए. शिनफादी बाजार में पहली बार वायरस का पता लगने के दो हफ्ते के अंदर-अंदर वहां COVID-19 के मामलों की संख्या 200 हो गई है. बता दें कि इस बाजार में सैल्मन मछली काटने वाले बोर्ड पर कोरोना वायरस के अंश पाए गए थे.
इस संकट के चलते, चीन ने कहा था कि बीजिंग में फैले प्रकोप में कोरोना वायरस में यूरोपीय अंश की पहचान हुई थी, हालांकि, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कहा कि परिणामों को साबित करने के लिए और ज्यादा टेस्ट करने की जरूरत है. चीन ने सोमवार को बीजिंग के प्रकोप का जीनोम सीक्वेंसिग डेटा, WHO और ग्लोबल इन्फ्लुएंजा डेटा इनीशिएटिव (GISAID) को दे दिया.